नई दिल्ली। विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के चौथे दिन गुरुवार को 42 बार की चौंपियन मुंबई का स्कोर दूसरी पारी में तीन विकेट पर 83 रन करके अपना पलड़ा भारी रखा। गत चौंपियन मुंबई की टीम 406 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही है और उसे जीत के लिए 323 रन की और दरकार है। अगर मुंबई की टीम ये लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाती है तो वह रणजी ट्रॉफी से बाहर हो जाएगी।
विदर्भ ने इससे पहले दिन की शुरुआत चार विकेट पर 147 रन से की और यश राठौड़ (151) के शतक तथा अक्षय वाडकर (52) के अर्धशतक से दूसरी पारी में 292 रन बनाए। पहली पारी में 113 रन की बढ़त हासिल करने वाले विदर्भ ने इस तरह मुंबई को 406 रन का लक्ष्य दिया।लक्ष्य का पीछा करते हुए मुंबई ने आयुष म्हात्रे (18), सिद्धेश लाड (02) और कप्तान अजिंक्य रहाणे के विकेट जल्दी गंवा दिए जो स्पिनरों का शिकार बने।
मुंबई की पहली पारी में 106 रन बनाने वाले आकाश आनंद दिन का खेल खत्म होने पर 92 गेंद में एक चौके की मदद से 27 रन बनाकर खेल रहे थे। शिवम दुबे 12 रन बनाकर उनका साथ निभा रहे हैं। मुंबई की उम्मीदें अब भारत के टी-20 कप्तान सूर्यकुमार यादव, तनुष कोटियान और शम्स मुलानी जैसे खिलाड़ियों पर टिकी हैं। दूसरी तरफ विदर्भ को उम्मीद है कि वह पिछले साल फाइनल में मुंबई के विरुद्ध मिली हार का बदला चुकता कर लेगी।
गुजरात फाइनल में पहुंचने के करीब
आरंभिक बल्लेबाज प्रियांक पांचाल की 148 रन की शानदार पारी के बाद जयमीत पटेल और सिद्धार्थ देसाई के बीच आठवें विकेट के लिए 72 रन की अटूट साझेदारी की बदौलत गुजरात केरल के पहली पारी में 457 रन के जवाब में गुरुवार को चौथे दिन सात विकेट पर 429 रन बनाकर तीसरी बार रणजी ट्राफी फाइनल में प्रवेश के करीब पहुंच गया।
जयमीत ने स्वाभाविक स्ट्रोकप्ले पर लगाम लगाकर अपार धैर्य और संयम का परिचय दिया और 161 गेंद में नाबाद 74 रन बनाये। उनकी पारी में सिर्फ दो चौके शामिल थे, जिससे दबाव में बल्लेबाजी करने के उनके दृढ़ संकल्प का पता चलता है। देसाई ने 134 गेंद में अविजित 24 रन बनाकर टीम को मजबूती प्रदान की और 11 रन पर मिले जीवनदान का पूरा फायदा उठाया। बाएं हाथ की इस जोड़ी ने शानदार धैर्य दिखाया और 36.4 ओवर तक संघर्ष किया। अब अंतिम दिन गुजरात के तीन विकेट बचे हैं और वह पहली पारी के आधार पर सिर्फ 28 रन से पीछे है।