विष्णुदेव साय किसान पुत्र हैं। वे किसानों के दुख−दर्द को भलीभांति जानते और समझते हैं। अन्नदाता किसानों की चिंता करते हुए विष्णु देव साय ने सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों का दो साल का बकाया बोनस दिया..
छत्तीसगढ़ में इस समय ट्रिपल इंजन की सरकार है। यह संभव हो सका है प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी सोच और सुशासन से। भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए उन्होंने संवेदनशीलता के साथ हर वर्ग का ध्यान रखकर नीतियां बनायी। परिणाम सबके सामने है। साय सरकार के 14 महीने की अल्पावधि में ही चहुंओर सांय−सांय काम हो रहा है।
छत्तीसगढ़ की जनता का विश्वास जीतने में विष्णु देव साय कामयाब हुए। नतीजतन, हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। विधानसभा, लोकसभा के बाद अब नगरीय निकायों के चुनाव में भारी सफलता ने विष्णु देव के कुशल नेतृत्व पर मुहर लगा दी है। निश्चय ही ट्रिपल इंजन की सरकार बनने से अब छत्तीसगढ़ में विकास की गति तेज होगी।
दूरस्थ आदिवासी अंचल जशपुर के बगिया गांव में विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को हुआ। तब किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि बगिया का यह लाल, एक दिन छत्तीसगढ़ के मुखिया की महती जिम्मेदारी संभालेंगे। छत्तीसगढ़ के प्रथम निर्विवाद आदिवासी मुख्यमंत्री होने का इतिहास विष्णुदेव साय के नाम पर दर्ज है। उनके सहज, सरल व्यक्तित्व में छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री होने का भाव साफ झलकता है। मृदुभाषी होने के साथ ही प्रशासनिक कसावट को लेकर उनकी छवि ने जन सामान्य का दिल जीत लिया है। वैसे तो पंच से लेकर सरपंच, विधायक, सांसद, केंद्रीय राज्यमंत्री और मुख्यमंत्री बनने तक का उनका राजनीतिक सफर उपलब्धियों भरा है। लेकिन, बीते 14 महीने में मुख्यमंत्री के रूप में उनके द्वारा बनाई गई जनहितैषी नीतियों से सभी वर्ग के लोगांे को लाभ मिल रहा है।
विष्णुदेव साय किसान पुत्र हैं। वे किसानों के दुख−दर्द को भलीभांति जानते और समझते हैं। अन्नदाता किसानों की चिंता करते हुए विष्णु देव साय ने सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों का दो साल का बकाया बोनस दिया। 3100 रूपये प्रति क्ंवटिल की दर से 21 क्ंवटिल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी सुनिश्चित की। इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आयी है। किसान अब धान की खेती से धनवान बनने की ओर अग्रसर हैं।
कोई भी नागरिक खुले आसमान के नीचे नहीं सोएगा, सबका खुद का आशियाना होगा, इसकी चिंता करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 18 लाख से अधिक जरूरतमंद हितग्राहियों के लिए प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति मुख्यमंत्री बनते ही दी। यह उनकी संवेदनशीलता का सबसे बड़ा उदाहरण है। इसी तरह माता−बहनों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में महतारी वंदन योजना मील का पत्थर साबित हो रहा है। हर महीने करीब 70 लाख महिलाओं के खाते में सीधा एक हजार रूपये जमा होने से उनके जीवन स्तर में बहुत कुछ बदलाव आया है। माताएं−बहनें आत्मनिर्भर हो रहीं हैं।
युवाओं का विश्वास सरकारी व्यवस्था पर से उठने लगा था। पूर्ववर्ती सरकार में पीएससी में हुए बड़े पैमाने पर घोटाले की वजह से युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। युवा, किसी भी देश−राज्य के भविष्य की रीढ़ हैं। पीएससी परीक्षा व्यवस्था में आमूल−चूल परिवर्तन और पारदर्शिता के साथ परीक्षाएं आयोजित होने से युवाओं का भरोसा जीतने में विष्णु देव साय कामयाब हुए हैं।
छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति को लोकव्यापी और सुगम बनाकर इन्वेस्टर को आकर्षित करने में विष्णु देव साय कामयाब हुए हैं। विकासशील छत्तीसगढ़ में उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। विकसित छत्तीसगढ़ बनाने में साय सरकार की नई औद्योगिक नीति निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगी।
धर्म−कर्म−अध्यात्म, सनातन की रीढ़ हैं। चाहे राजिम कुंभ कल्प को पुर्नप्रतिष्ठित करने की बात हो, या प्रयागराज महाकुंभ में छत्तीसगढ़ पवेलियन बनाकर श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया कराने की बात अथवा श्रीराम लला अयोध्या धाम दर्शन योजना से प्रदेश के 20 हजार से अधिक नागरिकों को अयोध्या धाम का दर्शन कराने की बात हो, विष्णु देव ने देवतुल्य जनता का बखूबी ख्याल रखा है।
सुशासन से समृद्ध छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की नीतियां जन−जन के लिए कल्याणकारी और उपयोगी साबित हुई है। लोकतंत्र में जनता के मंशानुरूप और उनके भरोसे को कायम रखकर काम करना कुशल नेतृत्व का परिचायक है। एक के बाद एक लगातार लोकसभा और नगरीय निकाय में मिला बड़ा जनादेश विष्णु देव साय की कुशल रणनीति, साफ नीयत और पारदर्शी शासन व्यवस्था का ही परिणाम है। इन दिनों हर जुबां पर एक ही चर्चा है− सुशासन के दम पर बगिया के लाल विष्णु देव ने कर दिया कमाल।