एजेंसी, बीजिंग। चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसकी और भारत की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को समाप्त करने के प्रस्तावों को श्व्यापक और प्रभावी तरीकेश् से लागू कर रही हैं।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वु कियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में पूर्वी लद्दाख सेक्टर में स्थिति के सामान्य होने से जुड़े सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा, श्हम सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए भारतीय पक्ष के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।श्
रूबियो की टिप्पणी पर दी प्रतिक्रिया
वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियांग ने एक ब्रीफिंग में कहा, श्चीन और रूस दो बड़े देश हैं। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में मजबूत आंतरिक प्रेरक शक्ति है। यह किसी तीसरे पक्ष से प्रभावित नहीं होंगे।श्
उन्होंने कहा कि दोनों रणनीतिक सहयोगियों के बीच मतभेद पैदा करने का कोई भी अमेरिकी प्रयास विफल होना तय है। लिन अमेरिकी विदेश मंत्री मार्काे रूबियो की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चीन के स्थायी जूनियर पार्टनर के रूप में रूस अमेरिका के लिए समस्या बन सकता है, क्योंकि दो परमाणु ताकतें उसके विरुद्ध एकसाथ हो गई हैं। हालांकि उनका यह भी कहना था कि रूस और चीन का आमने-सामने आना भी वैश्विक स्थायित्व के लिए अच्छा नहीं है।
ताइवान के पास शूटिंग अभ्यास
चीन ने ताइवान के पास शूटिंग अभ्यास किया। ताइवान ने इस घटना की गुरुवार को निंदा की। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए संकट पैदा करने वाला और ताइवान स्ट्रेट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 24 घंटे के दौरान ताइवान के आसपास सक्रिय चीनी सेना के 45 विमानों, 14 नौसेनिक जहाजों और एक अन्य जहाज का पता चला है। इनमें से 34 उसके जल और हवाई क्षेत्र में घुस आए थे।