प्रयागराज (राजेश शुक्ल)। प्रयागराज के एक यूट्यूबर ने महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो बनाए और यूट्यूब चौनल पर अपलोड कर दिए। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने यूट्यूबर सहित 3 लोगों को अरेस्ट किया। जांच के दौरान महिलाओं के आपत्तिजनक फुटेज मिले हैं। अहमदाबाद साइबर क्राइम डीसीपी लवीना सिन्हा ने बताया- जांच में पता चला कि तीनों ने महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो दूसरे चौनलों को भी बेचे थे। महंगे रेट पर वीडियो बेचने का धंधा चला रहे थे। आरोपियों पर देश के 60-70 अस्पतालों के ब्ब्ज्ट हैक करने का भी शक है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रयागराज के चंद्रप्रकाश फूलचंद, महाराष्ट्र लातूर के प्रज्वल अशोक तेली और महाराष्ट्र के सांगली के प्रज राजेंद्र पाटिल के रूप में हुई है।
यूट्यूब और टेलीग्राम चौनलों पर वीडियो बेचे
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि तीनों आरोपी यूट्यूब और टेलीग्राम चौनलों पर महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो बेच रहे थे। इसके एवज में मोटी रकम कमाई। साइबर क्राइम ब्रांच ने बताया- राजकोट के पायल अस्पताल के ब्ब्ज्ट को आईपी एड्रेस के आधार पर हैक किया गया था। यह करतूत इन्हीं लोगों की गैंग की हो सकती है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र से प्रज्वल अशोक तेली और प्रज राजेंद्र पाटिल को अरेस्ट किया। वहीं, चंद्रप्रकाश फूलचंद को प्रयागराज से अरेस्ट किया। आरोपियों से अभी पूछताछ की जा जारी है। प्रयागराज से गिरफ्तार आरोपी चंद्रप्रकाश फूलचंद के चौनल पर महाकुंभ के वीडियो अपलोड किए गए थे। अब इस बात की जांच की जा रही है कि उसने यह वीडियो खुद अपलोड किया है या किसी से खरीदा है।
दूसरी ओर, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम इस पूरी जांच में 60 से 70 अलग-अलग अस्पतालों के ब्ब्ज्ट हैक होने की आशंका पर भी जांच कर रही है। यह रैकेट एक साल से चल रहा था, जिसमें पता चला है कि कई महिलाओं के वीडियो इन लोगों को बेचे गए थे। अब इस पूरे मामले की जांच के लिए आरोपियों की रिमांड लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
महाराष्ट्र का प्रज्वल तेली मुख्य आरोपी है। तीनों आरोपियों ने 8 माह में लाखों रुपए कमाए। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी इस वीडियो को 800 से 2000 रुपए में बेच रहा था। शुरुआती जांच से पता चला है कि अस्पतालों के प्च् एड्रेस रोमानिया और अटलांटा से हैक किए गए थे। देश के 60-70 अस्पतालों के वीडियो हैक कर लिए गए हैं। आरोपी फोटो और वीडियो बेचकर पैसे कमा रहे थे।
क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला कि प्रयागराज का चंद्रप्रकाश फूलचंद खुद वीडियो बनाता। अपने चौनल पर अपलोड करके ऑनलाइन बेचता था। आरोपी के टेलीग्राम चौनल पर 100 से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।
अस्पताल के अलावा महिला के वीडियो सिनेमाघरों और मॉल में भी मिले हैं। पायल अस्पताल का डेटा हैक कर लिया गया। अस्पताल का सीसीटीवी फरवरी-मार्च 2024 में हैक किया गया था। इलाज के दौरान मरीज द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद अस्पताल में सीसीटीवी लगाया गया। पुलिस को कई जानकारियां मिली हैं, जिसके अनुसार पुलिस दो अलग-अलग थ्योरी पर काम कर रही है।
1.) साइबर क्राइम ब्रांच फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि हैकर ने पायल अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज को कैसे हैक किया।
2.) तीनों आरोपियों के पास वीडियो कहां से और कैसे आए। खुद बनाए हैं या खरीदे हैं।
टेलीग्राम चौनल महाराष्ट्र से संचालित हो रहा था
महिलाओं के इलाज के दौरान चेकअप की सीसीटीवी फुटेज बेचने को लेकर अहमदाबाद के जेसीपी शरद सिंघल ने प्रेसवार्ता की। इसमें उन्होंने कहा कि राजकोट क्राइम ब्रांच ने बड़ी सफलता हासिल की है। तीन माह के सीसीटीवी आईपी की जांच की गई है। यह टेलीग्राम चौनल महाराष्ट्र के सांगली और लातूर से संचालित हो रहा था। टीम ने महाराष्ट्र और प्रयागराज में जांच की। फूलचंद्र नाम का एक अन्य व्यक्ति टेलीग्राम चौनल चला रहा था। प्रज्वल रोमानिया और अटलांटा के हैकरों के संपर्क में था।