नई दिल्ली। सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी डमजं को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। मेटा की एक पूर्व कार्यकारी अधिकारी से मुखबिर बनीं सारा विंन विलियम्स की किताब मार्क जुकरबर्ग और पूर्व शेरिल सैंडबर्ग के कार्यकाल को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
इन आरोपों में यौन उत्पीड़न के दावे, अनुचित व्यवहार,दोहरे मापदंड और चीन सरकार से मिलीभगत तक की बातें शामिल हैं। विलियम्स, जिन्हें 2017 में मेटा से निकाल दिया गया था ने दावा किया कि जुकरबर्ग और सैंडबर्ग के तहत, फेसबुक की संस्कृति खराब हो गई।
दोनों अधिकारियों ने ष्महिलाओं के प्रति द्वेष और दोहरे मानदंडों के चौंकाने वाले खातों पर आंखें मूंद लीं।
हालांकि, मेटा ने सभी दावों का खंडन किया है, उन्हें एक कार्यकर्ता द्वारा झूठे आरोप करार दिया है। उन्होंने खारिज करते हुए, इसे एक्टिविस्ट की झूठी शिकायतें बताया है।
चीन के साथ मिलीभगत कर रहे जुकरबर्ग
विलियम्स ने दावा किया कि मार्क जुकरबर्ग चीन सरकार के साथ श्मिलीभगतश् कर रहे थे और उन्होंने चीनी अधिकारियों के साथ यूजर्स का डेटा शेयर करने पर विचार किया था। रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक चीन के बाजार में प्रवेश के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार था।
किताब के अनुसार, जुकरबर्ग इस हद तक चले गए कि उन्होंने वायरल पोस्ट्स को तब तक छिपाने का प्रस्ताव रखा, जब तक कि चीनी अधिकारी उन्हें मंजूरी नहीं देते। हालांकि, डमजं ने इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह श्कोई रहस्य नहींश् है कि कंपनी ने एक समय चीन में अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में इसे छोड़ दिया गया। विलियम्स ने जुकरबर्ग की निजी आदतों को लेकर भी खुलासे किए हैं। उन्होंने लिखा कि जुकरबर्ग दोपहर तक सोकर नहीं उठते थे और बोर्ड गेम्स में हारने से नफरत करते थे