मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। तहसील क्षेत्र के ग्राम भइयां में 400वर्ष पुराना मंदिर है, श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर से संबंधित सैकड़ों गांव के हजारों श्रद्धालु एकत्रित होकर बड़े ही भक्ति भाव के साथ फगुआ का गान करते हुए रंग का आनंद लेते हैं। मन्दिर के पीठाधीश्वर श्री ब्रह्मानंद जी महाराज द्वारा बताया गया कि मंदिर के संस्थापक परमहंस गोपाल मणिदास जी महाराज जिनका जीवन काल 300वर्ष से भी अधिक का रहा है , 16वीं सदी में जाति -पांत के बंधन से मुक्त होकर समरसता को बनाये रखने हेतु मंदिर स्थापित किया था जिसका परिणाम है कि समस्त जातियों के लोग मिलकर परमहंसजी द्वारा रचित फागु गाते हुए ग्राम परिक्रमा करते हैं। शाम के समय भव्य भंडारा का आयोजन किया जाता है। ग्रामीणों द्वारा तैयारी में पूरे गांव की साफ-सफाई की जाती है।इस बार की होली में पर्याप्त संख्या में दूर-दराज से भी सुंदर साथ नाम से जाने जानेवाले भक्त गण एकत्रित हुए। सुन्दर साथ शब्द की ब्याख्या करते हुए पीठाधीश्वर श्री ब्रह्मानन्द जी महराज ने बताया कि सुन्दर आचार, सुन्दर विचार, सुन्दर संस्कार, सुन्दर सरोकार से सुसज्जित श्रद्धालुओं को ही सुन्दर साथ कहा जाता है जिसकी संकल्पना में सुन्दर धाम, सुन्दर ग्राम, सुन्दर समाज, सुन्दर भारत रहता है। इसीलिए भइयां ग्राम में होली बहुत ही संतुलित ढंग से मनाई जाती है। खास बात यह है कि होलिका दहन के दूसरे दिन समस्त ग्रामीण पहले मन्दिर में जाकर पूजा अर्चन करते हुए परमहंस महराज जी द्वारा रचित फागुरुपी भजन का गायन करते हैं।भजन गायन का वह अद्भुत नजारा बेहद आत्ममुग्ध करने वाला होता है जब गोपियों एवं श्री कृष्ण का रसमय नोंक -झोंक से शुरू होकर आत्मा एवं परमात्मा के एकाकार में समाहित होता है। कार्यक्रम स्थल पर जनसुनवाई फाउंडेशन के स्टेट कोआर्डिनेटर कमलेश प्रसाद मिश्र, रामेश्वर प्रसाद, तौलन प्रसाद, सूबा लाल,कौशलेश , राजेश्वर प्रसाद तिवारी, अश्विनी कुमार मिश्र, नीरज कुमार, रजोल, आद्या, धनंजय, धीरज, अवधेश कुमार, विजय कुमार, वाचस्पति, राजदीप, अन्तिम कुमार, हरिश्चंद्र आदि सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।