प्रयागराज (राजेश सिंह)। मृदु स्वभाव और प्रशासनिक क्षमता की धनी डॉ (ब्रिगेडियर) ममता सिंह का 14 मार्च को निधन हो गया। डॉ ममता सिंह मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में पैथालॉजी विभागाध्यक्ष और प्राचार्य भी रह चुकी हैं। उनके निधन पर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रशासन और सभी डॉक्टरों ने शोक जताया है। 15 मार्च को सुबह दारागंज घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
डॉ. ममता सिंह ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी (पैथोलॉजी) की शिक्षा प्राप्त की थी। इसी संस्थान में फैकेल्टी और बाद में विभागाध्यक्ष, पैथोलॉजी विभाग के रूप में महत्वपूर्ण सेवाएं दीं।
उन्होंने 24 सितंबर 2003 से 10 मई 2005 तक प्राचार्य के रूप में कॉलेज का नेतृत्व किया। अपने अनुशासन, दूरदृष्टि और शिक्षा के प्रति समर्पण से संस्थान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में उनके योगदान को वरिष्ठ चिकित्सक आज भी याद करते हैं। वर्तमान में डॉ ममता सिंह दरभंगा कालोनी स्थित अपने आवास में रह रही थीं। उनकी तीन बेटियां हैं। पति की पूर्व में मृत्यु हो चुकी है।
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की कार्यकारी प्राचार्य प्रो. वत्सला मिश्रा ने कहा कि डॉ. ममता सिंह न केवल एक कुशल शिक्षिका और प्रशासक थीं, बल्कि एक आदर्श मार्गदर्शक और अनुशासित नेतृत्वकर्ता भी थीं। उन्होंने मेडिकल शिक्षा और शोध को नई दिशा देने का कार्य किया।
उनका जाना चिकित्सा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी स्मृतियां सदैव हमारे साथ रहेंगी। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सभी ने ईश्वर से प्रार्थना की और शोकाकुल परिवार को संबल प्रदान करने की कामना की।
घायल मजदूर की इलाज के दौरान मौत, रास्ता जाम की कोशिश
सड़क हादसे में घायल मजदूर की इलाज के दौरान गुरुवार शाम मौत हो गई। इससे नाराज घरवालों ने रास्ता जाम करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें शांत करा दिया। बताया गया है कि औद्योगिक थाना क्षेत्र के गलुआबाद मुंगारी गांव निवासी 35 वर्षीय शमशेर अली पुत्र वाहिद अली मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता था।
मंगलवार की शाम सात बजे वह चनैनी गांव के पास स्कूटी की टक्कर से घायल हो गया था। बुधवार की रात स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इससे नाराज घरवालों ने गुरुवार शाम करछना-कोहड़ार मार्ग पर शव रखकर चक्का जाम करने का प्रयास किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह समझा बुझाकर लोगो को शांत कराया।