लखनऊ। भारतीय सेना में जाने का सपना संजोए रखने वाली तनुष्का सिंह ने सेना से सेवानिवृत्त अपने दादा कैप्टन डीबी सिंह के हौसले से ऐसी उड़ान भरी कि भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। वायुसेना में जगुआर फाइटर जेट स्क्वाड्रन में स्थायी तैनाती वाली प्रदेश व देश की पहली महिला पायलट बन गई हैं।
तनुष्का के दादा ने बताया कि सुबह से रिश्तेदारों और सगे संबंधियों के फोन आ रहे हैं। तनुष्का ने वीडियो कॉल से बात की, लेकिन सुरक्षा कारणों से सीमित जानकारी देने के निर्देश के बावजूद मैं उसके बारे में सबकुछ तो नहीं, लेकिन बहुत कुछ बताने से खुद को नहीं रोक पा रहा हूं। मैं अपनी पत्नी उर्मिला सिंह को इसका श्रेय देना चाहता हूं, जिसने मुझे गोंडा से राजधानी आने पर मजबूर किया और मेरा परिवार इस लायक बन सका।
दादा से बढ़ा हौसला
तनुष्का 2007 से अपने पिता सेवानिवृत्त ले. कर्नल बेटे अजय प्रताप सिंह के साथ मंगलुरु में रह रही हैं। वहां डीपीएस एमआरपीएल स्कूल से स्कूली शिक्षा ली। 2022 में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की।
तनुष्का पहले भारतीय सेना में जाना चाहती थी, लेकिन भारतीय वायुसेना में महिलाओं के लिए मिल रहे अवसरों के बारे में जानकारी मिली तो उसने मुझसे पूछा और फिर फैसला बदला और वायुसेना में जाने का मन बना लिया। मैंने उसका हौसला बढ़ाया और अब उसने पूरे देश में मेरा मान बढ़ा दिया।
तमिलनाडु के डुंडीगल स्थित एयरफोर्स अकादमी में प्रशिक्षण एमके-132 विमान पर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। तनुष्का के पहली पायलट बनने की खबर मिली तो इंदिरानगर के पटेलनगर स्थित आवास पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया। लोगों ने गुलदस्ता व मुंह मीठा कराकर दादा-दादी और चाचा विजय प्रताप सिंह को बधाई दी।
नेवी में जाएगी छोटी बहन अनुष्का
तनुष्का के दादा ने बताया कि मैं और मेरा बेटा थल सेना में थे और पोती वायुसेना में गई और अब तनुष्का की छोटी बहन अनुष्का नेवी में जाने की तैयारी कर रही है। तीनों सेना में मेरा परिवार रहेगा तो मुझे गर्व होगा। मैं सबसे छोटी पोस्ट पर रहा तो मेरा बेटा मुझसे बड़ी और फिर पोती ने रिकॉर्ड बनाकर सभी का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।
तनुष्का के दादा ने बताया कि बेटे की दो बेटियां ही हैं। बेटा होने को लेकर लोगों की बातों को दर किनार कर मेरे बेटे ने दोनों बेटियों को बेटे की तरह पाला और लोगों की सोच को बदलने पर मजबूर कर दिया कि बेटे से कम बेटियां नहीं होती।