गोरखपुर। आबकारी विभाग ने दुकानों का आवंटन करने के बाद लाइसेंस फीस भी जारी कर दिया है। इसमें शहर व ग्रामीण क्षेत्र में स्थित 21 दुकानों ने विभाग को फीस से पहले ही दो से तीन गुणा की आमदनी करा दी है।
तरकुलहा मार्ग पर स्थित आबकारी की दुकान के लिए सबसे अधिक 190 लोगों ने आवेदन किया था। जबकि इस दुकान का फीस 29 लाख 95 हजार रुपये रखा गया है। जबकि आवेदन शुल्क 40 हजार रुपये से एक लाख रुपये के बीच में जमा कराया गया है। ऐसे में अगर 190 लोगों ने 40 हजार रुपये भी जमा किया होगा तो विभाग के खाते में 76 लाख रुपये जमा हुए है।
बिछिया स्थित दुकान के लिए 169 लोगों ने आवेदन किया था। जबकि इसका लाइसेंस फीस 30.65 लाख रुपये रखा गया है। ऐसे में 40 हजार रुपये प्रति व्यक्ति द्वारा 67.60 लाख रुपये विभाग के खाते में जमा हुआ है। हालांकि इन दोनों दुकानों का आवेदन शुल्क 40 हजार रुपये से अधिक का है। इसी क्रम में धूसड़ चौराहा स्थित दुकान के लिए 161 लोगों ने आवेदन किया था।
सहजनवां स्थित दुकान के लिए 141 लोगों ने आवेदन किया था। इस दुकान की फीस 25 लाख 15 हजार रुपये है। जबकि नगर पंचायत में स्थित इस दुकान का आवेदन शुल्क 65 हजार रुपये रखा गया था। इस तरह से विभाग को आवेदन से ही 91 लाख 65 हजार रुपये की आमदनी हुई थी।
इसी तरह से जंगल डुमरी नंबर दो स्थित दुकान के लिए 137, कालेसर के लिए 132, सिकरीगंज के लिए 128, जंगल रामलखना के लिए 126, राप्तीनगर स्पोर्ट्स कालेज के लिए 125, कैंपियरगंज के लिए 113 चौरी चौरा के लिए 119, सिक्टौर के लिए 109 लोगों ने आवेदन किया था। इसी तरह से 10 और दुकानों के लिए 100 से अधिक लोगों ने आवेदन करके विभाग के खाते में लाइसेंस फीस से ज्यादा रुपये जमा किये।
नौ दुकानों का लाइसेंस शुल्क 10 से पौने छह करोड़ रुपये
आबकारी विभाग द्वारा जारी लाइसेंस शुल्क में नौ ऐसी दुकानें है, जिनके आवंटी धारक को एक करोड़ से पौने छह करोड़ रुपये जमा करने है। इसमें एक करोड़ से डेढ़ करोड़ के बीच की दुकानें सिविल लाइंस, देवरिया बाइपास, मेडिकल कालेज, सिंघड़िया में स्थित है।
वहीं पांच से पौने छह करोड़ रुपये वाली दुकानें फराह रोड, जंगल सिकरी, भटहट, इमलीधारी और जीतपुर सेक्टर दो में स्थित है। इनके साथ सभी अवंटियों को बुधवार तक विभाग को लाइसेंस शुल्क जमा करना है। नहीं होने पर आवंटन निरतस्त करते हुए दोबारा से आवेदन मांगा जाएगा।
ई लाटरी निकलने के बाद सभी आवंटियों को जरूरी कागजात दे दिया गया है। साथ ही बुधवार तक उन्हें लाइसेंस फीस जमा करने के लिए कहा गया है। तय समय के अंदर नहीं जमा करने पर आवंटन निरस्त कर दोबारा आवेदन मांगा जाएगा। करीब 21 दुकानों के लिए निर्धारित शुल्क के साथ 100 से अधिक आवेदन पड़े थे। अभी फीस और आवेदन शुल्क का तुलनात्मक जोड़ नहीं हुआ है। -महेंद्र नाथ सिंह, जिला आबकारी अधिकारी
135 महिलाएं चलाएंगी दुकान
आबकारी की दुकानों के लिए आवेदन करने वालों में महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। ई लाटरी के माध्यम से निकले नाम में इस बार महिलाओं की संख्या ज्यादा है। विभाग के अनुसार करीब 135 महिलाओं के नाम से दुकानें आवंटित हुई है। नियमानुसार जिनके नाम से आवंटन है, दुकान भी उन्हीं को चलानी चाहिए।