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आग की दुर्घटनाओं से बचने के लिए प्रयागराज में खुले तीन नए फायर यूनिट

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। जिले में भीषण गर्मी में आग की दुर्घटनाओं से बचने के लिए अग्निशमन विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग की ओर से धूमनगंज मुंडेरा मंडी, झूंसी और करछना क्षेत्र में तीन नए अस्थायी फायर यूनिट खोले गए हैं। इस यूनिट में एक-एक फायर टेंडर के अलावा दमकलकर्मियों की तैनाती की गई है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ. आरके पांडेय ने बताया कि गर्मी आते ही आग की दुर्घटनाएं अधिक हो गई हैं। शहर में नौ स्थायी फायर स्टेशन हैं। गर्मी के दिनों में आग की अधिक घटनाओं को देखते हुए तीन नए फायर यूनिट को खोला गया है। नए यूनिट को खोलने का मकसद है कि आग की सूचनाओं पर तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा जा सके।
वहीं, आग से बचने को लेकर विभाग ने 22 बिंदुओं पर नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसमें चूल्हे को हमेशा गैस सिलेंडर से ऊपर रखकर खाना बनाना समेत अन्य बिंदुओं पर पालन करने का निर्देश दिया गया है। लेकिन, अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो दुर्घटनाओं से बचा सकता है। इसके लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। इसे देखते हुए विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों का खासकर ख्याल रखा गया है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ आर के पांडेय ने बताया कि गर्मी के दिनों में अपने घरों की वायरिंग जरूर चेक करवाएं। तारों और बिजली बोर्ड पर अधिक लोड नहीं दें। अगर कहीं भी जर्जर तार दिख रहा है तो उन तारों को बदलवां लें। इसके अलावा गाड़ियों में भी समय-समय पर वायरिंग की जांच करते रहें। वहीं, अपने घरों बालू को भी जरूर रखने की कोशिश करें, ताकि दुर्घटना होते ही तुरंत बालू डालकर आग को बुझाया जा सके। उन्होंने बताया कि फायर यूनिट में तैनात कर्मियों को आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इन-इन बिंदुओं का रखना होगा ख्याल

- हुक्का पीने के बाद चिलम की आग को पूर्णरूप से बुझा दीजिए।

- बीड़ी या सिगरेट के टुकड़े को पैर से कुचलकर बुझा देना चाहिए।

- खलिहान को तालाब के पास या अन्य पानी के साधनों के पास स्थापित कीजिए।

- खलिहान के चारों ओर पानी के भरे घड़े व मिट्टी के ढेर उपलब्ध रखिए।

- खलिहान से कम से कम 100 फुट की दूरी पर खाना बनाइए या धूम्रपान कीजिए।

- खलिहान व मकान, रेलवे लाइन से कम से कम 100 फुट की दूरी पर बनाइए।

- पुआल व कंडों के ढेर को सूखने पर निवास स्थान से 100 फुट की दूरी पर लगाइए।

- चिराग का प्रयोग करने के बाद पूर्ण रूप से बुझा दीजिए।

- चूल्हे के ईंधन की चिंगारियों व गरम राख को ठंडा करके फेंकिए।

- रसोई घर की छत टीन से बनाएं, फूस से बना है तो अंदर मिट्टी का लेप लगाएं।

- घी व तेल की आग को बालू व मिट्टी से ढककर बुझाएं।

- गैस चूल्हे को हमेशा सिलेंडर से ऊपर रख कर खाना बनाएं।

- लीकेज की दशा में हमेशा रेगुलेटर की नाब बंद कर दें तथा ज्वलनशील सामग्री से दूर रखें।

ऐसा करने से बचें

- बिस्तर में लेट कर धूम्रपान न करें।

- हुक्का पीने के बाद चिलम की आग को जलता न छोड़ें।

- नंगे चिराग व कुप्पियों को जलता न छोड़िए।

- चूल्हे की चिंगारी व गरम राख कूड़े के ढेर पर मत फेंकिए।

- घी व तेल की आग पर पानी मत डालिए।

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