प्रयागराज (राजेश सिंह)। गोरखपुर में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया है। विकास भवन में कंट्रोल रूम खोलकर प्रभारी की तैनाती की गई है। प्रयागराज में दो तीन स्थानों पर कौओं की मौत होने की बात सामने आई है। लेकिन, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। इसके बाद से एहतियातन पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई जा रही है और तहसील स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) का गठन कर दिया गया है।
गोरखपुर में सात मई को चिड़ियाघर में बाघिन की मौत के बाद जांच के लिए सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में बाघिन की मौत बर्ड फ्लू के कारण होने की पुष्टि होने के बाद पूरे प्रदेश में दहशत है। एच-5 एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण को लेकर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें प्रमुख सचिव वन विभाग व पशुपालन विभाग के अलावा सभी जिलों के डीएफओ और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी जुड़े। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट रहने के लिए कहा।
कौओं से फैलता है सबसे अधिक संक्रमण
सबसे अधिक खतरा कौओं, नेवलों और विदेशी पक्षियों से है। गंगा, यमुना नदी के किराने और वेटलैंड के आसपास सबसे अधिक संख्या में यही जीव पाए जाते हैं। कुछ माह पहले काफी संख्या में कौओं के मरने की पुष्टि तो पशुपालन विभाग कर रहा है, लेकिन दो-तीन दिन पहले तीन-चार कौओं के मरने की बात से इन्कार कर रहा है। जबकि एक नाविक ने बताया कि संगम इलाके में दो दिन पहले कुछ मरे कौओं को देखा गया था। पशु विशेषज्ञों के अनुसार कौओं से वायरस फैलने की संभावना अधिक है। कारण उन्हें वेटलैंड में भोजन आसानी से मिल जाता है।
पोल्ट्री फार्म की चेकिंग में जुटे पशुपालन अधिकारी
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एसएन यादव ने बताया कि जिले के सभी पोल्ट्री फार्म को चिह्नित कर सघन निरीक्षण कराया जा रहा है। पोल्ट्री प्रोडक्ट्स जैसे अंडा, चूजे, पोल्ट्री फीड के मूवमेंट पर सघन निगरानी रखी जा रही है। किसी भी घटना से निपटने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका प्रभारी डॉ. पीके सिंह को बनाया गया है। कंट्रोल रूम के नंबर 0532-2548827 और 8181813444 हैं। नियमित रूप से पक्षियों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। बचाव के लिए अन्य विभागों के साथ समन्वय बैठक की जाएगी। समूह में कौओं के मरने की घटना पुरानी है। हाल में समूह में कौओं के मरने की कोई सूचना नहीं है।
बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए पशुपालन विभाग अलर्ट है। सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट उपलब्ध हैं। आरआरटी का गठन कर मरे पक्षियों के सैंपल नियमित जांच के लिए भेजने का निर्देश दिया गया है। फिलहाल बर्ड फ्लू का कोई मामला यहां नहीं मिला है। - के. रवींद्र नायक, प्रमुख सचिव, पशुपालन विभाग