Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

राजर्षि टंडन से फ्री कोर्स कर सकेंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

sv news

प्रयागराज (राजेश सिंह)। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज ने प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी घोषणा की है। अब ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रदेश मुक्त विश्वविद्यालय के किसी भी केंद्र से फ्री में बाल विकास एवं पोषण में डिप्लोमा कर सकेंगी।

इसके जरिए वह अपने करियर में आगे बढ़ सकती हैं। कुलपति प्रो. सत्यकाम ने यह घोषणा की है। विश्वविद्यालय के बीते दीक्षांत समारोह में उप्र की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी मंच से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की शिक्षा पर जोर दिया था। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने “सूरज वार्ता” को बताया कि, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की पहल कर रहा है ताकि वह अपने पैरों पर खड़े हो सकीं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तक भेजा जा रहा संदेश

मुक्त विश्वविद्यालय यह प्रयत्न कर रहा है कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी महिला1 उच्च शिक्षा से वंचित न रह जाए। इसके लिए लगातार इंटर कॉलेजों, पंचायतों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संपर्क स्थापित किया जा रहा है।

कुलपति ने बताया, विश्वविद्यालय ने सभी को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ही माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से एमओयू किया है। जिससे इंटरमीडिएट उत्तीर्ण शिक्षार्थियों के आंकड़े प्राप्त कर विश्वविद्यालय महिला विद्यार्थियों तक अपनी पहुंच बनाएगा।

प्रोत्साहन देने और आकर्षित करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बाल विकास एवं पोषण में डिप्लोमा कार्यक्रम प्रारंभ किया है। जो उनके लिए मुफ्त में उपलब्ध होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की यह मंशा है कि प्रदेश की प्रत्येक महिला जो इंटरमीडिएट उत्तीर्ण है वह उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में प्रवेश ले और अपने को समर्थ और सशक्त बनाए।

ग्रेटर नोएडा में दर्दनाक घटना को बनाया आधार

कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा, बिटिया पढ़ेगी तो समर्थ होगी। वह सशक्त होगी तो दहेज के लिए जलाई नहीं जाएगी। उन्होंने अभी हाल में ग्रेटर नोएडा में हुई एक दर्दनाक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां दहेज के लिए एक बिटिया को जला दिया गया। यह घटना कदापि न होती यदि वह बिटिया समर्थ और सशक्त होती।

कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने लड़कियों के माता एवं पिता का आह्वान किया कि वह अपनी बेटियों को समर्थ बनाएं। उन्हें पराया धन न समझें और उनकी शादी करना ही अंतिम लक्ष्य न रखें। बेटियों को सुशिक्षित करें और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाएं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad