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सपा मुखिया अखिलेश यादव को विधायक पूजा पाल ने दिया करारा जवाब

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लखनऊ। कौशांबी के चायल से विधायक पूजा पाल को समाजवादी पार्टी से बाहर करने पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया पर पूजा ने करारा जवाब दिया है। इंटरनेट मीडिया पर बेहद सक्रिय हो चुकीं पूजा पाल को अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी का टिकट पक्का कराने की सलाह दी थी।

चायल से विधायक पूजा पाल ने इसके बाद उनको करारा जवाब दिया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, मुझे इलेक्शन की सीट की फिकर नहीं..मुझे मेरे पति के हत्यारों का टिकट जहन्नुम के लिए कटने की खुशी है। विधायक पूजा पाल को समाजवादी पार्टी से निकालने के बाद अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए उन्हें भाजपा में टिकट पक्की करवा लेने की सलाह दी। सपा अध्यक्ष के इस बयान पर पूजा पाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्हें सीट की फिक्र नहीं है।

अखिलेश यादव ने कहा था कि बीजेपी के सदस्य सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए बनते हैं। मुख्यमंत्री तो खुद भी बीजेपी के सदस्य नहीं रहे, वो सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी के सदस्य बनते हैं। हमें उम्मीद है कि वो अपनी टिकट के साथ-साथ पूजा पाल को भी टिकट दिलवा देंगे। अगर पहले टिकट दिला दी होती तो हमें इन्हें टिकट देनी नहीं पड़ती।

डर के साए में ढकेलने की कोशिश

पूजा पाल ने अपने निष्कासन को लेकर भी समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला और कहा कि वोट बैंक को खुश करने के लिए मुझे सजा दी गई। जिस कुख्यात माफिया ने मेरी दुनिया सात दिन में उजाड़ दी, मेरा पति छीन लिया, मुझे डर के साए में ढकेलने की कोशिश की। जब मैं तब नहीं झुकी तो अब क्यों सच बोलने से हार मान लूं। उसके मैंने वर्षों तक के खिलाफ दिन रात संघर्ष किया।

ये कैसा पीडीए, ये कैसा समाजवाद है

एक महिला वो भी पीड़ित महिला को सत्य बोलने पर अपमानित किया जा रहा है ।

समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध,

जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध।”

अखिलेश यादव काश एक बार दो निंदा के शब्द माफिया के लिए कहते

मेरा संकल्प था मैं लड़ूंगी। अखिलेश यादव जितने हमले या गलत बयानी मेरे ऊपर कर रहे हैं, काश एक बार दो निंदा के शब्द उन माफिया दुर्दांत अपराधियों के लिए कहते। मुझे तो एक वोट बैंक को खुश करने के लिए सजा दी गई। मैं भी पीडीए समाज की पीड़ित बेटी हूं। मेरे साथ जो अन्याय हुआ उसकी पीड़ा तथाकथित पीडीए हितैषी नेताओं को क्यों नहीं है। क्या जो इंसाफ वर्षों वर्षों बाद मिला उसके लिए धन्यवाद देना गलत है।

मेरा कसूर क्या था जो मेरे रास्तों पर पत्थर और कांटे भर दिए मेरा हंसता खेलता परिवार उजाड़ दिया। आज मैने अपने संघर्षों का एक छोटा सा प्रतिबिंब क्या दिखाया मुझे बागी कह दिया गया। जिसने मुझे न्याय दिया मैं इसको बारंबार साधुवाद दूंगी उसके लिए मुझे कोई भी सजा दी जाए। जीवन भर संघर्ष पथ पर चली हूं और चलने से डरूंगी भी नहीं मैंने विधानसभा में जो शब्द कहे है वो एक शब्द मेरी भावनाएं थी वर्षों से जिस न्याय की आस थी वो न्याय मिला उसपर मै मूक रह जाऊं ये मेरे संघर्ष से भी अन्याय होगा।

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