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40वीं अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन प्रयागराज में 19 नवंबर को

 

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प्रयागराज (राजेश शुक्ल/राजेश सिंह)।  पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में आयोजित होने वाली देश की सबसे प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिताओं में से एक 40वीं अखिल भारतीय प्राइज मनी इंदिरा मैराथन के आयोजन की तारीख तय हो गई है। यह मैराथन इस साल 19 नवंबर को प्रयागराज में धूमधाम से होगी।यह मैराथन अपनी भव्यता और चुनौतीपूर्ण दौड़ के लिए जानी जाती है।

500 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय धावकों के शामिल होने की उम्मीद

एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया ने इस आयोजन को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद क्षेत्रीय खेल कार्यालय ने इंदिरा मैराथन की तैयारियां शुरू कर दी है। इस मैराथन में 500 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के धावकों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। इस बार भी मैराथन का रूट 42.195 किलोमीटर लंबा होगा, जो धावकों के धैर्य और सहनशक्ति की कड़ी परीक्षा लेगा।

इंदिरा मैराथन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

इंदिरा मैराथन की शुरुआत सुबह साढ़े छह बजे शहर के आनंद भवन के सामने से होगी। धावकों को 42.195 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण दूरी तय करनी होगी। यह दौड़ दोपहर ढाई बजे मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में समाप्त होगी, जहां पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया जाएगा।

महिला व पुरुष वर्गों के लिए समान व आकर्षक पुरस्कार

इस 40वीं मैराथन में पुरुष और महिला दोनों वर्गाे के लिए समान और आकर्षक पुरस्कार राशि रखी गई है।

स्थान      पुरस्कार राशि 

प्रथम       दो लाख रुपये 

द्वितीय     एक लाख रुपये 

तृतीय      75 हजार रुपये 

11 धावकों को 10-10 हजार रुपये सांत्वना पुरस्कार 

शीर्ष तीन विजेताओं के अलावा 11 अन्य धावकों को भी 10-10 हजार रुपये के सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस प्रकार, कुल नौ लाख 70 हजार रुपये की इनामी राशि वितरित की जाएगी, जो इस मैराथन को देश की सबसे प्रतिष्ठित प्राइज मनी दौड़ में से एक बनाती है।

आरएसओ बोले- बड़े पैमाने पर व्यवस्था

क्षेत्रीय खेल कार्यालय, प्रयागराज के आरएसओ (क्षेत्रीय खेल अधिकारी) प्रेम कुमार ने बताया कि एएफआइ उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन और खेल निदेशालय ने आयोजन को मंजूरी दे दी है। आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था की जा रही है।

रूट व स्टेडियम की व्यवस्था को 1500 अधिकारी

आरएसओ प्रेम कुमार के अनुसार, पूरे रूट और स्टेडियम की व्यवस्था संभालने के लिए 1500 से अधिक अधिकारी तैनात रहेंगे। इन अधिकारियों की मांग के लिए संबंधित खेल संस्थाओं को पत्र भी लिखा गया है। इस वर्ष भी मैराथन के लिए 2024 का निर्धारित रूट ही अपनाया जाएगा। स्टेडियम में भी तैयारियां चल रही हैं, जहां घास की कटाई का काम किया जा रहा है।

आनलाइन व आफलाइन पंजीकरण

मैराथन में भाग लेने के लिए आनलाइन और आफलाइन पंजीकरण दीवाली के बाद शुरू होने की संभावना है। दीपावली के तुरंत बाद जिला प्रशासन के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक होगी, जिसमें जिलाधिकारी के निर्देशानुसार पंजीकरण की तिथियाँ घोषित की जाएंगी।

इंदिरा मैराथन में सेना के जवानों का रहा है वर्चस्व

इंदिरा मैराथन का एक विशेष महत्व भारतीय खेल जगत में भी है। यह मैराथन केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय टीम के चयन का एक अहम मंच भी है। एएफआइ के तकनीकी अधिकारी इस दौरान धावकों के प्रदर्शन का बारीकी से मूल्यांकन करेंगे। जो धावक शानदार प्रदर्शन करेंगे, उन्हें राष्ट्रीय पुरुष और महिला टीमों में जगह दिलाने की संस्तुति दी जाएगी। इस कारण देश भर से धावक इसमें हिस्सा लेने आते हैं, खासकर सेना के जवान, जो हमेशा से इस दौड़ में अपना वर्चस्व बनाए रखते हैं।

पिछले वर्ष कौन बने थे विजेता

पिछले वर्ष 39वीं इंदिरा मैराथन में सेना के हवलदार योगेश शर्मा (हैदराबाद) ने पुरुष वर्ग में पहला स्थान हासिल किया था, जबकि महिला वर्ग में रेलवे की सोनिका (हरियाणा) ने इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक जीता था। दोनों ने पहली बार भाग लेते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी। इस वर्ष भी देश के शीर्ष धावकों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। 

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