प्रयागराज (राजेश सिंह)। मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में बुधवार को जिला पंचायत सभागार में कानपुर एवं प्रयागराज मण्डल की संयुक्त मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 का आयोजन किया गया। मण्डलायुक्त प्रयागराज एवं सचिव कृषि इन्द्रविक्रम सिंह, जिलाधिकारी प्रयागराज मनीष कुमार वर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर गोष्ठी का शुभारम्भ किया। गोष्ठी के आरम्भ में मण्डलायुक्त ने जिला पंचायत परिसर में लगायी गयी कृषि व अन्य सम्बंधित विभागों के द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारम्भ किया तथा विभिन्न विभागों के स्टालों का अवलोकन करते हुए उत्पादों एवं योजनाओं के बारे मेें जानकारी प्राप्त की। मण्डलायुक्त के द्वारा आयोजित गोष्ठी में प्राकृतिक खेती योजना में प्रशिक्षित कृषि सखियों को मोबाइल फोन वितरित किया गया।
मुख्य अतिथि मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोष्ठी का उद्देश्य किसानों के सुझाव एवं उनकी समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण कराना है। उन्होंने कहा कि गोष्ठी में विभिन्न जनपदों से आयें हुए किसानों के द्वारा जो सुझाव एवं समस्यायें बतायी गयी, सम्बंधित विभागों के अधिकारी उनपर कार्रवाई करते हुए उनका निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को समझना और उनपर कार्यवाही किए जाने का यह बहुत ही कारगर फोरम होता है। मण्डलायुक्त ने कहा कि किसान भाई अपनी आय को बढ़ाने के लिए बाजार की मांग के अनुसार फसल का उत्पादन करें। जहां पर जिस चीज की मांग अधिक होती है उसी के अनुसार कृषि उत्पादन करने से अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है। मण्डलायुक्त ने दोनों मण्डल के सभी मुख्य विकास अधिकारियों को अपने-अपने जिलों के क्षेत्रों का अगले 10 दिनों में भ्रमण करके किसानों की समस्याओं का निराकरण कराने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के प्रगति व उन्नति के लिए कृतसंकल्पित है तथा इसके लिए सरकार के द्वारा कई योजनाएं संचालित की गयी है तथा योजनाओं में सरकार के द्वारा सब्सिड़ी भी दी जा रही है। किसान भाई इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाकर अपनी आय को बढ़ा सकते है। मण्डलायुक्त ने कहा कि कृषि गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा कृषि तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी, कृषक इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा यहां पर जो अपने अनुभव साझा किए गए है वह दूसरे कृषकों के लिए लिए अनुकरणीय हैं तथा कृषक इससे प्रेरणा लेकर उसके अनुसार खेती कर सकते है। मण्डलायुक्त ने गोष्ठी में कृषकों की समस्याओं का समुचित समाधान कराये जाने हेतु आश्वस्त किया।
सचिव, कृषि इन्द्र विक्रम सिंह ने गोष्ठी में कृषकों द्वारा उठायी गयी समस्याओं को सुनते हुए उनके समाधान कराये जाने के बारे में आश्वस्त किया। उन्होंने किसानों को किसान फार्मर रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य रूप कराये जाने के लिए कहा। उन्होंने किसानों को फसल अवशिष्ट को न जलाये जाने तथा उसका उपयोग खेतों मंे खाद के रूप में उपयोग किए जाने के लिए कहा। उन्होंने किसानों को बहुफसलीय एवं सहकारी खेती करने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही साथ मत्स्य पालन, मुर्गी पालन सहित कृषि विभाग से जुड़े हुए अन्य कार्यों को करते हुए अपनी आय को बढ़ाये जाने के लिए कहा। उन्होंने किसानों को लाइन में बीजों की बुआई करने एवं बुआई का कार्य समय से किए जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि समय एवं लाइन से बुआई करने से अच्छा उत्पादन होता है। उन्होंने प्राकृतिक खेती, औषधीय खेती एवं फसल चक्र अपनाये जाने के लिए किसानों को प्रेरित किया। उन्होेंने उपस्थित अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे जनपद की समस्याओं का परीक्षण अपने स्तर से कर लें तथा जिसका समाधान शासन स्तर पर अपेक्षित हो उसे उपलब्ध करायंे। उन्होंने विद्युत विभाग को किसानों के लिए बनाये गये अलग फीडर पर निर्धारित घण्टे के अनुसार विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा किसानों के उन्नति एवं प्रगति के लिए अनेक योजनाओं पर सब्सिडी दी जा रही है। कृषक इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाये। उन्होंने कहा कि खाद एवं बीज की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता रहे, इसके लिए किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाये।
गोष्ठी में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए रबी फसलों के लिए की गयी तैयारी तथा किसानों के द्वारा किस प्रकार कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है, के बारे में बताते हुए अन्न एवं आधुनिक कृषि को अपनाये जाने एवं फसल अवशेष को न जलाये जाने के लिए कहा। जिलाधिकारी ने आयोजित गोष्ठी के बारे में बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य किसानों के सुझाव एवं उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कराया जाना है।
निदेशक, कृषि डा0 पंकज त्रिपाठी द्वारा अवगत कराया गया कि इस वर्ष पिछले वर्ष से अधिक कृषि निवेश की उपलब्ध्ता सुनिश्चित करायी गयी है। दोनों मण्डलों में प्रदेश की गेहॅं की 8 प्रतिशत, दलहन की 4.4 प्रतिशत तथा तिलहन की 12 प्रतिशत क्षेत्र में क्षेत्राच्छादन कराया जायेगा। जनपद प्रयागराज मण्डल की उत्पादकता कानपुर मण्डल से कम होने की जानकारी दी गयी। उन्होने अवगत कराया कि रबी की मुख्य फसल गेंहूॅ एवं चना में प्रयागराज मण्डल की उत्पादकता प्रदेश की उत्पादकता से कम है जबकि कानपुर मण्डल की उत्पादकता अधिक है। उन्होने कृषकों से सही प्रजाति का चुनाव करने, संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करने का सुझाव दिया गया। कृषि निदेशक द्वारा निर्देशित किया गया कि सभी निवेश केन्द्रो/निजी विक्रेताओं की दुकानो पर बैनर लगा होना चाहिए जिसपर मोटे अक्षरों में मूल्य एवं अनुदान की धनराशि अंिकत होनी चाहिए।
निदेशक, उद्यान द्वारा अवगत कराया गया कि उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर अनुदान दिया जा रहा है जिसके लिए कृषक भाई ऑन लाइन एवं आफ लाइन आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। प्रोसेसिंग यूनिट, चावल मिल, आटा मिल, मशरूम उत्पादन, मौनपालन इत्यादि पर भी अनुदान देय होने की जानकारी दी गयी। राजीव कुमार यादव, निदेशक, सहकारिता द्वारा अवगत कराया गया कि मण्डल के जनपदों में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है तथा लगभग सभी जनपदों हेतु रैक एक सप्ताह में लगने की जानकारी दी गयी। साथ की कृषक भाइयों से अनुरोध किया गया कि वे समिति की सदस्य बनाये जाने हेतु पंजीकरण का कार्य चल रहा है।
संयुक्त विकास आयुक्त कानपुर मण्डल ने गोष्ठी में अपने सम्बोधन में कहा कि कानपुर एक औद्योगिक शहर है तथा मण्डल के कृषक खेती से जुड़े उद्योग पर कार्य कर रहे है। मण्डल में दहलन/तिलहन का आच्छादन बढ़ाया गया है। समस्त कृषि निवेश की उपलब्धता पर्याप्त है तथा पिछले वर्ष से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जायेगा। परियोजनाधिकारी कानपुर नगर द्वारा भी अवगत कराया गया कि जनपद में कृषि निवेश की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है तथा पराली प्रबन्धन हेतु राजस्व एवं कृषि विभाग की टीम द्वारा निरंतर निगरानी की जा रही है।
मुख्य विकास अधिकारी कानपुर देहात द्वारा अवगत कराया गया कि पिछले वर्ष रबी का लक्ष्य पूरा किया गया है इस वर्ष भी पूरा कर लिया जायेगा जिसके लिए बीज की उपलब्धता भी बढ़ायी गयी है। मुख्य विकास अधिकारी औरैया द्वारा अवगत कराया गया कि उनके जनपद की नहरे कानपुर से संचालित होती है तथा किसान दिवस में सिंचाई विभाग के अधिकारी द्वारा प्रतिभाग नहीं किया जाता है जिससे सिंचाई विभाग की समस्या का समाधान नहीं हो पाता हैे। श्री आर0एन0 सिंह उप कृषि निदेशक, इटावा द्वारा अवगत कराया गया कि रबी का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा जिसके लिए निवेशों की व्यवस्था कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि दलहनी फसलों की जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु फंेसिग कराये जाने की आवश्यकता है। मुख्य विकास अधिकारी कन्नौज द्वारा जनपद में खाद हेतु रैक प्वांइट एवं मक्का सुखाने हेतु ड्रायर मशीन अनुदान पर उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता के बारे में बताया। उप कृषि निदेशक, फर्रूखाबाद द्वारा जंगली पशुओ से फसल के नुकसान हेतु निःशुल्क फसल बीमा योजना एवं मृदा परीक्षण एवं मक्का सुखाने हेतु अनुदान पर ड्रायर मशीन उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता बतायी गयी। मुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज द्वारा जनपद में मिलेट्स प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कराये जाने की आवश्यकता तथा प्रधान मंत्री धनधान्य योजना को जनपद में संचालित किये जाने की जानकारी दी गयी। मुख्य विकास अधिकारी कौशाम्बी द्वारा मृदा परीक्षण सभी विकास खण्डों पर कराये जाने व उर्वरक रैक प्वाइंट की मांग की गयी। मुख्य विकास अधिकारी फतेहपुर द्वारा जनपद के कृषकों को बुंदेलखण्ड की तर्ज पर अवारा पशुओं से बचाव हेतु घेरवाड़ की व्यवस्था कराये जाने की आवश्यकता तथा यमुना के किनारे जलभराव की समस्या एवं पराली प्रबन्धन हेतु सी0वी0जी0 प्लांट की व्यवस्था की आवश्यकता बतायी गयी। जिला विकास अधिकारी प्रतापगढ़ द्वारा सुझाव दिया गया कि जनपद का प्रमुख उत्पाद ऑंवले का स्कूलो के मिड-डे मील में सम्मिलत कराये जाने एवं फूलों की खेती पर अनुदान दिलाये जाने के लिए कहा।
दोनों मण्डलों के प्रगतिशील कृषकों द्वारा गोष्ठी में जनपद की समस्याओं एवं सुझाव से अवगत कराया गया। अधीक्षण अभियंता सिंचाई कानपुर मण्डल द्वारा आश्वस्त किया गया कि कृषकों द्वारा उठायी गयी समस्याओ पर ध्यान दिया जायेगा। सिंचाई विभाग के प्रयागराज मण्डल के अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य एवं टेल तक पानी पर्हुचाया जा रहा है। विघुत विभाग के प्रयागराज मण्डल के अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि कृषि फीडर पर रोस्टर 10 घंटे का है जिसके अनुसार विद्युत आपूर्ति करायी जा रही है।
पवन कुमार विश्वकर्मा उप कृषि निदेशक प्रयागराज द्वारा धन्यवाद ज्ञापित कर गोष्ठी का समापन किया गया। इस अवसर पर समीक्षा गोष्ठी में कृषि एवं संवर्गीय विभागों के मण्डलीय/जनपदीय अधिकारियों एवं विभिन्न जनपदों के प्रगतिशील कृषकों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।



 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
