प्रयागराज (राजेश सिंह)। तेज रफ्तार जगुआर कार से इलेक्ट्रीशियन की जान लेने और सात लोगों को घायल करने के आरोपित रचित मध्यान की ब्लड रिपोर्ट सात दिन बाद भी नहीं आई है। इसको लेकर व्यवस्था पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
ब्लड रिपोर्ट ही बताएगी कि नशे में था या नहीं
ब्लड रिपोर्ट के आधार पर ही पता चलेगा कि रचित नशे में कार चला रहा था या नहीं। रिपोर्ट का पुलिस के साथ ही हताहत परिवार भी कर रहा है, ताकि सच्चाई सामने आ सके। लापरवाही पूर्वक चलाई गई कार की चपेट में आने से ट्रिपल आइटी के प्रोफेसर डा. विजय चौरसिया, उमेश चंद्र और उसके बेटे आयूष का अभी इलाज चल रहा है।
कामधेनु मिष्ठान भंडार के मालिक का भतीजा जेल में है
पीड़ित परिवार इलाज पर लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं। पुलिस लूकरगंज खुल्दाबाद निवासी कामधेनु मिष्ठान भंडार के मालिक के भतीजे रचित को लखनऊ से गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है, लेकिन मुकदमे की विवेचना अभी प्रचलित है।
कब और कैसे हुआ था दर्दनाक हादसा
एक सप्ताह पहले धूमनगंज थाना क्षेत्र का राजरूपपुर में रविवार शाम झलवा से चकिया की ओर जा रही एक तेज रफ्तार जगुआर कार अचानक अनियंत्रित हो गई थी। कार ने पहले सड़क किनारे खड़ी कार और ठेले में टक्कर मारी। इसके बाद भागने के चक्कर में सड़क पर खड़ी बाइक, स्कूटी समेत कई वाहनों में जोरदार टक्कर मार दी।
आक्रोशित लोगों ने लगाया था रास्ते पर जाम
कार की चपेट में आने से इलेक्ट्रीशियन प्रदीप कुमार पटेल, ट्रिपल आइटी के प्रोफेसर डा. विजय चौरसिया व सुनील कुमार शर्मा, उमेश चंद्र, उसके बेटे आयुष, भतीजी स्वाती, शुभम, शनि घायल हो गए थे। इलाज के दौरान प्रदीप की मौत हो गई, जिससे नाराज लोगों ने रास्ता जाम करते हुए हंगामा किया था। इसके बाद पुलिस ने हादसे में जख्मी कार चालक रचित की हालत में सुधार होने पर गिरफ्तारी की और जेल भेजा। डीसीपी सिटी मनीष शांडिल्य का कहना है कि अभी ब्लड रिपोर्ट नहीं आई है।
