प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के नगर देवता वेणी माधव मंदिर में देव उठनी एकादशी के अवसर पर भगवान वेणी माध्व के चरण पादुका का पूजन और अभिषेक किया गया। तुलसी और चंदन से अभिषेक करके आरती उतारी गई।
प्रयागराज के नगर देवता वेणी माधव मंदिर में देव उठनी एकादशी के अवसर पर भगवान वेणी माध्व के चरण पादुका का पूजन और अभिषेक किया गया। तुलसी और चंदन से अभिषेक करके आरती उतारी गई। इस मौके पर बड़ी संख्या संत और भक्त उपस्थित रहे। पं. रमेशचंद्र शुक्ल शास्त्री ने बताया कि हर साल देव उठनी एकादशी पर अभिषेक और पूजन किया जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन से उठते हैं। भक्त अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए दरबार में हाजिरी लगाते हैं। शास्त्री ने बताया कि वेणी माधव मंदिर में आज भगवान का रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, शहद का अभिषेक, शर्कराभिषेक आदि किया गया। आज तुलसी विवाह का मुहुर्त है। आज से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
शनिवार को देवउठनी एकादशी को भगवान श्री वेणी माधव मंदिर में विष्णुसहस्त्रनाम के पाठ, सहस्त्रार्चन और श्री सूक्त और पुरुष सूत्र मंत्रोच्चार के साथ श्री वेणी माधव जी का अभिषेक किया गया। साल में एक बार माधव जी का अभिषेक करते हुए भक्त देखते हैं और उनका सर्वांग दर्शन पाते हैं। मान्यता है कि देवोत्थानी एकादशी को श्री वेणी माधव भगवान दर्शन मात्र से ही समस्त मनोकामना पूरी करते हैं।
इस दिन चार माह बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे और सृष्टि के पालन का कार्यभार संभालेंगे। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली देवउठनी एकादशी मां लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता है। इसके प्रभाव से बड़े-से-बड़ा पाप भी क्षण मात्र में ही नष्ट हो जाता है। इस वर्ष माधव जी की चरण पादुका पर भक्तगण तुलसीपत्र से सहस्त्रार्चन किया गया।