ऐतिहासिक जीत के बाद जताई बहुत बड़े बदलाव की उम्मीद
नई दिल्ली। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर को पुरुष और महिला खिलाड़ियों के बीच बीसीसीआई की केंद्रीय अनुबंध की राशि में बड़ा अंतर होने से कभी परेशानी नहीं हुई क्योंकि यह श्बाजार की ताकतों से प्रेरितश् था, लेकिन अब उनका मानना है कि उनकी टीम की वनडे विश्व कप में ऐतिहासिक जीत के बाद यह अंतर कम हो जाएगा। इस उपलब्धि से महिला क्रिकेटरों के लिए अब सब कुछ बदल जाएगा।
बीसीसीआई ने 2022 में महिला क्रिकेटरों की मैच फीस पुरुषों के बराबर कर दी थी, लेकिन केंद्रीय अनुबंधों में अब भी पुरुष वर्ग के शीर्ष स्तर के क्रिकेटरों को सालाना सात करोड़ रुपये, जबकि महिला वर्ग के क्रिकेटरों को 50 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है।
हरमनप्रीत ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि अब इसमें बदलाव होगा। 2017 में जब भारत फाइनल में पहुंचा था तो उसके बाद भी काफी बदलाव आए थे। उससे पहले तो हमारा केंद्रीय अनुबंध सिर्फ 15 लाख रुपये का था। उसके बाद हम खासकर आईसीसी की प्रतियोगिताओं में खुद को ज्यादा साबित नहीं कर पाए। अब इसकी सबसे बड़ी ट्रॉफी को जीतने के बाद हम वित्तीय रूप से भी सुधार देखेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे पहले सारा राजस्व पुरुष क्रिकेट से आ रहा था। हम आभारी हैं कि बीसीसीआई ने हमें इसका हिस्सा बनाया और महिला क्रिकेट को उस समय समर्थन दिया, जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। हरमनप्रीत ने बताया कि विश्वकप फाइनल के बाद महिला क्रिकेटरों का बाजार मूल्य पहले से बढ़ गया है। उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट के विकास में आइसीसी अध्यक्ष जय शाह के योगदान की भी सराहना की।
आखिरी गेंद 1000 बार देखी
हरमनप्रीत ने बताया कि विश्व कप फाइनल में उन्होंने नादिन डी क्लार्क का यादगार कैच अब तक कम से कम 1000 बार देखा है। इस कैच से भारत की जीत तय हो गई। हरनमप्रीत ने कहा कि मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। सिर्फ मैं ही नहीं, हमारी टीम भी कई वर्षों से इस पल का इंतजार कर रही थी। मुझे लगता है कि मैं उस पल को बार-बार जीना चाहती हूं। हरमनप्रीत ने आपत्तिजनक ऑनलाइन टिप्पणियों को हल्के में लेते हुए कहा कि कठोर आलोचना से पता चलता है कि उनकी टीम से बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद की जा रही थी।
