प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज कमिश्नरेट के यमुनानगर, गंगानगर व नगर में फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के लिए रील बनाने वाले पुलिसकर्मियों की अब खैर नहीं होगी। खासकर वर्दी पहनने के बाद रील बनाकर दिखावा करने वाले निशाने पर होंगे। ऐसे पुलिसकर्मियों को चिह्नित किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज की सोशल मीडिया टीम रील बनाने वाले पुलिसकर्मियों के एकाउंट को खंगाल रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस कमिश्नर जोगेंद्र कुमार ने रीलबाज पुलिसकर्मियों पर सख्त रुख अपनाते हुए सभी को चिह्नित करने के लिए कहा है।
बताया गया है कि शहर के करेली, खुल्दाबाद, कोतवाली, अतरसुइया, शाहगंज, धूमनगंज, कर्नलगंज, पूरामुफ्ती थाने का क्षेत्र संवेदनशील माना जाता है। गंगानगर में मऊआइमा, नवाबगंज, सोरांव, हंडिया और यमुनानगर का नैनी, मेजा सहित कई अन्य क्षेत्र भी कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत संवेदनशील की श्रेणी में आते हैं। इन थानों में तैनात कई दारोगा, हेड कांस्टेबल, सिपाही इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के लिए रील बनाकर समय-समय पर अपलोड करते रहते हैं। रीलबाजों में कई थानाध्यक्ष और डीसीपी, एसीपी कार्यालय के कर्मचारी भी शामिल हैं। कतिपय पुलिसकर्मी वर्दी में रील बनाकर दिखावा करते हैं। वह लाइक और व्यू के लिए अलग-अलग ड्यूटी प्वाइंट पर पहुंचकर रील बनाकर शेयर कर देते हैं। इससे पुलिस महकमे की छवि पर असर पड़ता है। गंभीरता का अभाव होने के चलते कई बार उनके बारे में अशोभनीय टिप्पणी भी होती है।
सीएम ने क्या दिया निर्देश?
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रील बनाने वाले पुलिसकर्मियों को संवेदनशील स्थानों से हटाने के निर्देश दिए थे। इसको लेकर पुलिस कमिश्नर ने नगर, गंगानगर और यमुनानगर में तैनात उन पुलिसकर्मियों को चिन्हित करने को कहा है, जो रील बनाते हैं। जल्द ही उनकी सूची बनाकर संवेदनशील क्षेत्र से हटाने और अनुशासनात्मक कार्यवाही की बात कही गई है।
पुलिस कमिश्नर बोले- रील बनाने पर प्रतिबंध
पुलिस कमिश्नर जोगेंद्र कुमार का कहना है कि वर्दी में रील बनाने पर प्रतिबंध है। जिले में तैनात रीलबाज पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। इंटरनेट मीडिया टीम को भी इस काम के लिए लगाया गया है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर विधिक कार्यवाही की जाएगी।
