Ads Area

Aaradhya beauty parlour Publish Your Ad Here Shambhavi Mobile

कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान जारी... उमड़ा आस्था का सैलाब



 श्रद्धालुओं की जमीन से लेकर आसमान तक निगरानी

हापुड़। कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान जारी है। स्नान के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। मेला स्थल के साथ ब्रजघाट और पूठ में 35 से 40 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा में जमीन से लेकर आसमान तक निगरानी हो रही है। हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा मेले का मुख्य स्नान जारी है। मेला स्थल के साथ ही ब्रजघाट और पूठ में 35 से 40 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। बुधवार की सुबह ब्रह्म काल से पूर्णिमा स्नान आरंभ हुआ। श्रद्धालुओं की भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए एसपी ज्ञानंजय सिंह ने पुलिसकर्मियों को अलग-अलग प्वाइंटों पर तैनात किया है। 

मेले में एक-एक जोनल मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं। उनके साथ पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है। वे मेला क्षेत्र में बारीकी से नजर रख रहे हैं। सदर बाजार, मीना बाजार में बिना वर्दी के महिला पुलिसकर्मी भी तैनात की गई है।

 कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के देखते हुए मंगलवार की सुबह से ही हाईवे पर रूट डायवर्जन लागू करा दिया गया। अमरोहा और हापुड़ की तरफ से आए वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा गया। वहां, बहुत से चालकों ने अपने वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर हाईवे किनारे रोक लिया है। उन्हें भी दूसरे रास्तों से गंतव्यों के लिए भेजा जाएगा।

मंगलवार की शाम गंगानगरी और कार्तिक पूर्णिमा मेला स्थल पर मां गंगा की महाआरती का आयोजन हुआ। इसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस बार भी मेला स्थल और ब्रजघाट में काशी की तर्ज पर महाआरती स्थल बनाए गए हैं। कार्तिक पूर्णिमा मेले के मुख्य स्नानघाट के निकट बनाए गए घाट पर पुरोहित विनोद शर्मा शास्त्री, गोविंद शास्त्री व अन्य पुरोहितों ने शंख ध्वनि के साथ आरती शुरू की। वहीं, ब्रजघाट में भी गंगा सभा आरती समिति के तत्वावधान में महाआरती हुई। भक्तों ने आरती में भाग लेकर मां गंगा की अराधना की। 

गंगा मेले में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा के नेतृत्व में किसानों ने पतित पावनी मां गंगा के पानी में खड़े होकर शांतिपूर्वक मेला संपन्न होने की प्रार्थना की। इससे पूर्व मेले में सदर सेक्टर में स्थित शिविर पर हुई बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार ने विगत कई वर्षों से चली आ रही गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग को पूरा कर दिया है। संगठन सरकार के इस निर्णय का स्वागत करता है। मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को संगठन की तरफ से खिचड़ी व प्रसाद का वितरण किया गया। 

कार्तिक पूर्णिमा मेले में मुख्य स्नान जारी है। हाईवे पर रूट डायवर्जन लागू है। यह वाहनों का दबाव बना रहने तक जारी रहेगा। हाईवे समेत संपर्क मार्गों, मेला स्थल, गंगा तट पर पुलिसकर्मी मुस्तैद हैं। जिन्हें जरा भी लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। - स्तुति सिंह, सीओ

गंगा में दीपदान... दिवंगत आत्माओं को किया याद

कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर मंगलवार की शाम श्रद्धालुओं ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दीपदान किया। इससे गंगा तट जगमगा उठे। गंगा किनारे ऐसा प्रतीत होने लगा मानों आसमान से तारे जमीन पर उतर आएं हों। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। हमेशा के लिए दूर जा चुके अपनों के लिए दीपदान करते समय लोगों की आंखें नम हो गई। 

इसके चलते घाटों का माहौल गमगीन हो गया। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्थान आज हो रहा है। गंगा किनारे लगे ऐतिहासिक मेले का 31 अक्तूबर को विधिवत रूप से शुभारंभ हुआ। जिसका आज कार्तिक पूर्णिमा के मुख्य स्नान के बाद समापन होगा। 

वहीं, अधिकारिक तौर पर छह नवंबर को मेला संपन्न होगा। हालांकि, पिछले 10 दिनों से भी अधिक समय से श्रद्धालु गंगा किनारे तंबुओं में रह रहे हैं। मंगलवार की शाम चर्तुदशी पर कार्तिक मेला स्थल पर बने 12 घाटों, गंगा के दूसरी ओर स्थिति जनपद अमरोहा के तिगरी धाम, गंगानगरी ब्रजघाट और देश के प्रथम गंगा ग्राम पुष्पावती पूठ के गंगा तट पर लोगों ने दीपदान की परंपरा निभाई।

पश्चिमी उप्र के विभिन्न जनपदों, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के अलावा अन्य प्रदेशों के लोग भी यहां पहुंचे। जिन्होंने गत एक वर्ष में दिवंगत हुए अपने परिजनों, सगे संबंधियों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना करते हुए मां गंगा में दीपदान किया। श्रद्धालुओं ने पटेरा से तैयार किए गए आसनों पर जलते हुए दियों, फूलों व प्रसाद को रखकर गंगा की जलधारा में प्रवाहित करना शुरू कर दिया, यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

इस दौरान तट पर श्रद्धा का भाव दिखाई दिया। नम आंखों से लोगों ने अपने पूर्वजों के लिए दीपदान किया। अपने सगे संबंधी और परिजनों से बिछड़े लोगों को याद कर लोगों की आंखें भर आई। इस परंपरा को निभाते वक्त गंगा घाट आसमान में तारों जैसा दिखाई देने लगा। कुछ श्रद्धालु ब्रजघाट पर पहुंच पाए। इसके बाद दीपदान किया। दीपदान के बाद पुरोहितों को वस्त्र, अन्न और दक्षिणा आदि का दान भी किया।

दीपदान पर मंगलवार की शाम करीब पांच बजे से ही हाईवे 9, मेला रोड और अन्य संपर्क मार्गों पर भीषण जाम लग गया। ब्रजघाट में हाईवे पर करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जबकि हापुड़ में भी बाईपास पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। घंटों तक श्रद्धालु हाईवे पर ही फंसे रहे। 

देर शाम हालात बिगड़ने पर स्याना चौराहे से ब्रजघाट जाने वाले सभी वाहनों को रोक दिया गया। इसके कारण लोग पैदल ही ब्रजघाट पहुंचे। मंगलवार की दोपहर बाद से ही मेला रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का दबाव बढ़ने लगा। हापुड़ जिले के छिजारसी और ब्रजघाट टोलों पर वाहनों की लंबी लंबी लाइनें लग गई। 

हापुड़ बाइपास पर कई किलोमीटर लंबा जाम रहा। दोपहर बाद यहां वाहन रेंगते रहे। करीब पांच बजे ब्रजपाट गंगा पुल पर भी भीषण जाम की स्थिति रही। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा मेला मार्ग पर भी मेला स्थल से नक्का कुआं मंदिर तक सड़क पर दोनों तरफ वाहनों के पहिए थम गए। यह स्थिति तब बनी जब पुलिस ने मेला मार्ग पर पहले ही वाहनों के लिए निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। 

इसके बावजूद भी ट्रैक्टर ट्रॉली, भैंसा बुग्गी, कार, ऑटो समेत अन्य वाहन जाम के झाम में फंस गए। वाहनों का दबाव बढ़ता देख मीरा रेती, चक लठीरा, शाहपुर मार्ग, स्याना मार्ग, ठंडी सड़क से श्रद्धालुओं को निकाला गया। एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि गंगा मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं, ऐसे में वाहनों का दबाव अधिक होने के कारण जाम की स्थिति पैदा हुई। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad