प्रयागराज में संगम की रेती पर तीन जनवरी से शुरू हो रहा माघ मेला
प्रयागराज (राजेश सिंह)। संगम की रेती पर एक बार फिर से माघ मेला का दिव्य और भव्य आयोजन होने जा रहा है। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक मेले में ऐसा मुहूर्त आया है कि जो लोग महाकुंभ में नहीं आ पाए वह इस माघ मेले में आकर पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं।
इस बार 75 वर्षों के बाद यानि 76वें वर्ष में सूर्य मकर राशि में अपने ही दिन यानी रविवार को प्रवेश कर रहे हैं, जिससे माघ मेले में अद्भुत संयोग बना रहा है। यही वजह है कि योगी सरकार भी माघ मेला 2025-26 को मिनी कुंभ के तौर पर आयोजित कर रही है। यह कहना है कि अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मश्रम महराज का।
उन्होंने बताया कि माघ मेला परंपरागत है और अनादि काल से चला रहा है। उन्होने बताया कि कुंभ, महाकुंभ और माघ मेले मुहूर्त पर लगते हैं। माघ मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब माघ मेला लगता है। उन्होंने कहा कि इस बार आदित्य यानी सूर्य का योग सूर्य के दिवस से ही शुरू हो रहा है जिस दिन सूर्य उत्तरायण होंगे उस दिन रविवार है यह अद्भुत संयोग 75 वर्षों बाद 76 वें वर्ष में हो रहा है।
पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मश्रम महराज ने बताया कि इस संयोग में संगम की त्रिवेणी में स्नान और दान का विशेष महत्व है। इससे जनमानस का भी कल्याण होगा। उन्होंने बताया कि कुंभ के दौरान स्नान करने से जिस पुण्य की प्राप्त होती है, वही पुण्य इस बार के माघ मेले में स्नान से भी प्राप्त होगा।
इस बार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ सकती है इसलिए साधु, संतों के शिविरों में भी लोगों के रहने और भोजन की खास तैयारी की जा रही है। प्रदेश सरकार भी महाकुंभ के बाद आयोजित होने जा रहे इस माघ मेले को मिनी कुंभ के तौर पर आयोजित कर रही है।
