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जन पंचायत के माध्यम से मजबूत होता लोकतंत्र


 

Svnews

मेजा, प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

ग्राम सुधार को लेकर जनपद स्तर पर प्रशासन के सहयोग से कार्य करनेवाली राष्ट्रीय स्तरीय समाजसेवी संस्था जनसुनवाई फाउंडेशन के प्रदेश प्रभारी उच्च न्यायालय अधिवक्ता कमलेश प्रसाद मिश्र द्वारा आयोजित की गयी जनपंचायत में ग्रामीणों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गरीब परिवारों को वितरित राशन, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय,सहित विभिन्न पहलुओं पर तैयार की गई विकास मापी सूचकांक के आधार पर गांव का आकलन किया गया। उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि गांव की स्थिति दिन-प्रतिदिन बेहतर हो रही है। प्राथमिक विद्यालय में भी सुधार हुआ है , नियमानुसार राशन वितरण भी सुनिश्चित किया जा रहा है, पंचायत भवन भी सुसज्जित है, कम्प्यूटर आपरेटर की उपलब्धता से ग्रामीणों को सुविधा प्राप्त हो रही है यदि सप्ताह में एक दिवस भी ग्राम पंचायत अधिकारी व लेखपाल की उपस्थिति सुनिश्चित हो जाय तो और भी बेहतर होगा। जनपंचायत के दौरान गांव के संभ्रांत नागरिक पूर्व प्रधान धनंजय सिंह, अशोक सिंह अधिवक्ता प्रशांत सिंह, गौरीशंकर,अंकुर,राजा , वर्तमान ग्राम प्रधान विद्या सहित सैंकड़ों ग्रामीण एवं फाउंडेशन के जनपद प्रभारी अधिवक्ता विवेक सिंह"रानू"व ग्राम जनमित्र एवं जनशक्ति उपस्थित रहे।

     विकासखंड मेजा एवं कोरांव के कई प्रधानों का कहना है कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत जब आम सभा की बैठक बुलाई जाती है, तो ग्रामीण एकत्रित होने में रुचि नहीं रखते हैं। जिसकी वजह से कोरम पूरा नहीं हो पाता। परिणाम स्वरूप कागजी कोरम ही पूरा करना पड़ता है, जबकि चयनित वार्ड सदस्यों का आरोप है कि ग्राम प्रधानों द्वारा किसी भी कार्य में सदस्यों से मशविरा नहीं किया जाता है।ग्राम सचिवालय या पंचायतों को दायित्व का निर्वहन सुनिश्चित करने में ग्रामीणों का सहयोग जरूरी है। पंचायती राज व्यवस्था के तहत शासन द्वारा ग्राम सचिवालय या पंचायत भवन का निर्माण अधिकतर ग्राम पंचायतों में किया जाता है, किंतु अभी तक ग्रामीणों को उद्देश्य परसु लाभ नहीं मिल पा रहा है। शासन की मंशा है कि जिस प्रकार से लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु संसद सचिवालय, विधानसभा सचिवालय, जनपद एवं क्षेत्र पंचायत सचिवालय अपना कार्य करते हैं, उसी प्रकार से ग्राम सचिवालय या पंचायत भवन भी अपना कार्य सुनिश्चित करें। यद्यपि अधिकतर ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत भवन या ग्राम सचिवालय बनवाया गया है, किंतु अभी तक ग्रामीणों को उद्देश्य परक लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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