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स्वास्थ्य डेस्क
आज रविवार, 27 मार्च 2022 है। अब तक आपने हल्दी का इस्तेमाल या तो अपने खाने को रंग देने या मसाले के तौर पर किया होगा. हो सकता है आपने कभी चोट लगने पर ख़ून को रोकने के लिए भी इसे इस्तेमाल किया हो. पर क्या आप जानते हैं कि हल्दी में एंटी-डायबिटिक गुण यानी मधुमेह से लड़ने की ताक़त भी होती है?
तो चलिए रिसर्च के नतीजे जानने से पहले हम हल्दी का इस्तेमाल करने के बेहतर तरीक़े जानते हैं.
बाज़ारों में बिकने वाला हल्दी पाउडर रासायनिक चीज़ों से रंगा होने के चलते मिलावट युक्त हो सकता है. इसलिए बेहतर होगा कि आप सूखी हल्दी की गाँठ (हल्दी प्रकन्द) ख़रीदें और उसे घर पर ही पीस लें.
आप इस हल्दी पाउडर का इस्तेमाल सभी तरह की सब्ज़ियों, चावल से बनाए जाने वाले व्यंजनों, करी में कर सकते हैं. आप इसे गरम दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं. अगर आपको ताज़ी हल्दी का स्ट्रांग फ्लेवर पसंद है, तो इसे धोकर और छीलकर करी पेस्ट और प्यूरी सूप में भी डाल सकते हैं.
*शोध हल्दी के बारे में क्या बताता है*
एनिमल मॉडल पर की गई रिसर्च से पता चला कि हल्दी में पाया जाने वाला कुरकूमिन ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कम करने में असरदार हो सकता है. 2013 में पब्लिश हुए एक सिस्टमैटिक रिव्यू में हल्दी का एंटी -डायबिटिक एजेंट के रूप में इसके प्रभाव पर इकट्ठे किए गए विवरणों पर 200 पब्लिकेशन्स के परिणामों की स्टडी की गई. रिव्यू में पाया गया कि कुरकूमिन में ख़ून में ग्लूकोज़ लेवल और लिपिड्स (कोलेस्ट्राल बढ़ाने वाले फ़ैट्स जो पानी में नहीं घुलते) को घटाने की क्षमता होती है. इससे टाइप 2 डायबिटीज़ में देखे जाने वाले इन्सुलिन प्रतिरोध को दूर करने के भी गुण पाए गये. इसके अलावा कुरकूमिन को डायबिटीज़ से होने वाले नुक़सानदायक जटिलताओं से भी बचाने में कारगर पाया गया.
*दूसरा पहलू*
रिव्यू में यह बात भी ग़ौर की गई कि 1972 में पब्लिश किए गए एक पेपर के अलावा बाक़ी सभी प्रकाशन एनिमल मॉडल पर किए थे. क्लिनिकल ट्रायल में कुरकूमिन के ज़रिये डायबिटीज़ की बीमारी का इलाज के बजाय डायबिटीज़ कॉम्प्लीकेशन्स (जैसे नर्व डैमेज, लीवर की परेशानीऔर मोतियाबिंद) के इलाज पर ध्यान दिया गया. इसलिए इंसानों पर हल्दी से होने वाले फ़ायदों से जुड़े अध्ययन करने की ज़रूरत है जिससे वास्तविक फ़ायदों का पता चले.(1)
लेखकों ने यह भी बताया कि कुरकूमिन पानी में घुलनशील नहीं है, और साथ ही इसकी बायो अवेलेबिलिटी भी कम होती है, जिसका मतलब है कि इसकी थोड़ी सी ही मात्रा ब्लड सर्कुलेशन तक पहुँचने में प्रभावी रूप से सक्षम है.
(1)
इस ख़ामी को उजागर करते हुए मार्च 2017 में एक आर्टिकल पब्लिश हुआ, जहाँ रिसर्चर्स ने बताया कि बायोएबिलिटी कम होने के साथ ही इसकी हर्बल गुणवत्ता में भी अंतर होता है, जिससे भ्रामक परिणाम हो सकते हैं.(2)
इसलिए आगे के सभी रिसर्च इन सवालों के जवाब के नज़रिए से किए जाने की ज़रूरत है कि क्या कुरकूमिन डायबिटीज़ ख़िलाफ़ लड़ सकता है?
*पर ज़रा ठहरिए –*
हल्दी डायबिटीज़ को रोकने में मदद कर सकती है.
द अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के एक जर्नल डायबिटिक केयर में प्रकाशित रिसर्च आर्टिकल में डायबिटीज़ के ख़तरे (जिन्हें डायबिटीज़ न हुआ हो पर सामान्य दर के मुक़ाबले उनका ब्लड शुगर लेवल ज़्यादा हो) से घिरे लोगों पर कुरकूमिन के असर पर स्टडी की गई. 117 लोगों को 9 महीनों के लिए 2 हिस्सों में बांट दिया गया, जिसमें एक ग्रुप को कुरकूमिन दिया गया, जबकि दूसरे को नहीं. उनमें से जिन्हें कुरकूमिन दिया गया था, उन्हें डायबिटीज़ होने के आसार नहीं बढ़े, वहीं दूसरे ग्रुप के 16.4% लोगों में टाइप 2 डायबिटीज़ को बढ़ते हुए पाया गया.(3)
इसलिए अगर आप डायबिटीज़ होने के बढ़ते ख़तरे को रोकना चाहते हैं, तो अपने खाने में हल्दी शामिल करें, यह असरदार हो सकता है.
*ध्यान देने वाली बात*
हालांकि, मधुमेह से ग्रसित लोगों के बीच हल्दी के असर को लेकर बड़े पैमाने पर स्टडी नहीं की गई है, लेकिन यह सच है कि, इसमें ब्लड शूगर लेवल को कम करने की क्षमता होती है. जिसका मतलब हुआ कि हल्दी का इस्तेमाल करते समय डायबिटिक लोगों को सतर्क रहने की ज़रूरत है. क्योंकि, यह डायबिटीज़ में ब्लड शुगर लेवल कम करने वाली मौजूदा दवाओं पर असर दिखाते हुए, हाइपोग्लाइसीमिया (लो ब्लड शुगर लेवल) की स्थिति पैदा कर सकती है.
जिन लोगों को एनीमिया (ख़ून में हीमोग्लोबिन की कमी), किडनी स्टोन और गॉलब्लैडर की बीमारी है, उन्हें हल्दी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा अगर आप डायबिटीज़, ख़ून को पतला करने, हाइपर एसिडिटी की दवाइयां ले रहे हैं, तो सामान्य मात्रा जो कि रोज़ाना लगभग 0.5 से 3 ग्राम होती है, से ज़्यादा हल्दी का इस्तेमाल करने के पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें.(4) ऐसा करना इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि हल्दी का ज़्यादा इस्तेमाल आपको पेट या गॉलब्लैडर की तकलीफ़ में डाल सकता है.
*कुछ आख़िरी बातें*
हल्दी का इस्तेमाल समझदारी के साथ करने पर स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं, ख़ासकर डायबिटिक लोगों के लिए. बस आपको अपने शरीर पर ध्यान देते रहना है और ये ख़याल रखना है कि आपको किसी साइड इफ़ेक्ट का सामना न करना पड़े.
*डिस्क्लेमर:* हमारे द्वारा साझा की गई जानकारी विशेषज्ञों द्वारा सत्यापित और वैज्ञानिक रूप से मान्य है. हालांकि, ये डॉक्टर की सलाह का प्रतिस्थापन नहीं है. हमारी वेबसाइट पर बताई गई किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृपया आप अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें.