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शीतला अष्टमी आज: जानिए इस दिन क्यों खाया जाता है बासी खाना

 

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surajvarta.in
धर्म-आस्था डेस्क

आज शुक्रवार, 25 मार्च 2022 है। आज के दिन शीतला अष्टमी मनाई जा रही है. शीतला अष्टमी की एक रात पहले यानी सप्तती की रात में माता के लिए हलवा और पूड़ी का भोग तैयार किया जाता है.

होली के आठ दिन बाद शीतला अष्टमी मनाई जाती है. चैत्र कृष्ण अष्टमी के दिन आने वाले 25 मार्च यानी आज के दिन शीतला अष्टमी मनाई जा रही है. इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगता है. इस खास पर्व को बसौड़ा भी कहा जाता है. शीतला अष्टमी की एक रात पहले यानी सप्तती की रात में माता के लिए हलवा और पूड़ी का भोग तैयार किया जाता है।

*क्यों लगाते हैं बासी भोजन का भोग?*
मान्यता है कि शीतला माता को बासी भोजन काफी प्रिय है. शीतला अष्टमी के दिन लोग बासी भोजन को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. कहा जाता है कि अष्टमी के दिन के घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है और उस दिन रात में बने भोजन को ही ग्रहण करने का रिवाज है.

*शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त*
शीतला अष्टमी दिन और तारीख- 25 मार्च 2022, दिन शुक्रवार

*शीतला अष्टमी पूजा का समय -*
सुबह 06:20 बजे से लेकर शाम 06:35 बजे तक शीतला माता की पूजा की जाएगी.

*मां की उपासना मंत्र*
स्कंद पुराण में वर्णित माँ का यह पौराणिक मंत्र _*'ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः'*_ भी प्राणियों को सभी संकटों से मुक्ति दिलाकर समाज में मान सम्मान पद एवं गरिमा की वृद्धि कराता है.

*पूजा का महत्व*
भगवती शीतला की पूजा-अर्चना का विधान भी अनोखा होता है. शीतला माता के पूजन के बाद उस जल से आँखें धोई जाती हैं. यह परंपरा गर्मियों में आँखों का ध्यान रखने की हिदायत का संकेत है. माता का पूजन करने के बाद हल्दी का तिलक लगाया जाता है, घरों के मुख्यद्वार पर सुख-शांति एवं मंगल कामना हेतु हल्दी के स्वास्तिक बनाए जाते हैं. हल्दी का पीला रंग मन को प्रसन्नता देकर सकारात्मकता को बढ़ाता है, भवन के वास्तु दोषों का निवारण होता है.

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