सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी नई कैबिनेट में विधायकों को शामिल करने का फॉर्मूला भी लगभग तय कर चुके हैं. सबकी निगाहें अब शपथ ग्रहण पर हैं. तारीख का ऐलान होना अभी बाकी है. मगर इसे यादगार बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है.
लखनऊ (राजेश शुक्ला/दिवाकर सिंह)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया। इसी के साथ 35 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। सूबे में दोबारा मुख्यमंत्री बनने वाले योगी आदित्यनाथ अपनी नई कैबिनेट में विधायकों को शामिल करने का फॉर्मूला भी लगभग तय कर चुके हैं। सबकी निगाहें अब शपथ ग्रहण पर हैं। तारीख का ऐलान होना अभी बाकी है। मगर इसे यादगार बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. उनके शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं.
केंद्रीय कैबिनेट के चेहरे होंगे शामिल
पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी के 2024 के इलेक्शन की छाप यूपी सरकार के शपथ ग्रहण में दिखेगी. मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण बैठाने की तैयारी की जा रही है. पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा भी इस भव्य कार्यक्रम में शामिल होंगे. इनके अलावा केंद्रीय कैबिनेट से लेकर बीजेपी शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे.
विपक्षी पार्टियों के बड़े नेता भी होंगे शामिल
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इस भव्य एवं दिव्य शपथ ग्रहण समारोह को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई इकाना स्टेडियम में आयोजित कराने की तैयारी की जा रही है. इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण कराने की प्लानिंग की जा रही है. यूपी के सभी सांसद और विधायक समेत विभिन्न प्रदेशों के स्टार प्रचारकों को भी इस कार्यक्रम में शामिल करने की तैयारी है. इसके लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए जाएंगे. इसके अलावा विपक्षी पार्टियों के भी बड़े नेताओं को शपथ ग्रहण में बुलाया जाएगा.
नए चेहरों को वरीयता देने की है योजना
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा और विधान परिषद के चुनाव के जरिए बीजेपी की 2024 में होने वाले संसदीय चुनावों की तैयारी करने की जद में हैं. 2024 फतह करने के लिए बीजेपी का मिशन भी शुरू होने वाला है. योगी सरकार की नई कैबिनेट में चेहरों को शामिल करते समय इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा. ईमानदार और स्वच्छ छवि के नए चेहरों को वरीयता देने के साथ ही जातीय समीकरणों को भी साधने की भी पूरी तैयारी है. अब बस ऐलान का इंतजार है।
*दागी चेहरों से दूरी बनाने का कोशिश*
खास बात यह है कि दागी चेहरों को कैबिनेट और शपथ ग्रहण से दूर रखने की योजना है। हालांकि, इस पर कितना अमल होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। बड़ा राजनीतिक रसूख रखने वालों और जोड़तोड़ की राजनीति से सबको साधने वालों को भी इसमें स्थान दिया जा सकता है. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का शपथ ग्रहण समारोह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की देखरेख में और भाजपा प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों को यह जिम्मा सौंपा गया है।