मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
स्वयंसेवी संगठन जनसुनवाई फाउंडेशन ने जिला प्रशासन को एकबार फिर याद दिलाया है कि क्षेत्र के सैकड़ों तालाबों की बदहाली तमाम अदालती आदेशों को अब भी मुंह चिढ़ा रही है। वहीं इन तालाबों की यह दुर्दशा इलाके में गिरते भूजल स्तर और बिगड़ते पर्यावरण का सबब बन चुकी है।जिला प्रशासन को भेजी गई अपील पर संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने फाउंडेशन को अवगत कराया है कि क्षेत्र के चिन्हित सभी तालाबों को अवैध कब्जे से मुक्त करा इनके पुनरुद्धार की कार्यवाही जल्द ही की जाएगी। मुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज शीपू गिरी ने वादा किया है कि वह स्वयं इस कार्य को देखेंगे और संबंधित स्थानीय अधिकारियों को तत्काल निर्देश देने की बात भी उन्होंने की। फाउंडेशन के प्रदेश प्रभारी अधिवक्ता कमलेश मिश्र ने उक्ताशय की जानकारी देते हुए कहा कि मुख्य विकास अधिकारी का यह आश्वासन दमदार लग रहा है और जिस जिम्मेदारी के साथ उन्होंने इस विषय पर तत्परता दिखाई है, हमें उम्मीद है कि यह जिम्मेदार युवा अधिकारी अवश्य कुछ बेहतर कर दिखाएगा ग्राम भोजपुरवा के तालाब भूखंड संख्या-319,320, के भीटा पर बसे ग्रामीण कलन्दर, मुन्नीलाल,जियनादेवी, सन्तोष कुमार, कन्हैयालाल,नचकू, आदि लोगों ने बताया कि आवासीय भूखंड आवंटित न होने के कारण प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय का फायदा नहीं मिल पा रहा है, जबकि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दिनेश कुमार का कहना है कि ग्राम पंचायत द्बाराआवासीय भूखंड आवंटन हेतु पत्रावली वर्षों से तहसील में लम्बित है जैसे ही पट्टा स्वीकृत होगा गरीबों को प्रधानमंत्री आवास का अवश्य ही लाभ प्राप्त हो जायेगा। मत्स्य पालन हेतु आवेदन करने वाले बन्धूआदिवासी, अजय कुमार,का आरोप है कि एक तरफ शासन द्वारा गरीब परिवारों की आमदनी बढ़ाने को लेकर मत्स्य पालन हेतु बढ़ावा दिए जाने की बात कही जाती है, वहीं दूसरी तरफ तहसील में मत्स्य पालन हेतु आवेदन देने पर संबंधित विभागीय बाबुओं द्वारा विज्ञापित कराने हेतु भी मोटी रकम की मांग की जाती है। जनसुनवाई फाउंडेशन का कहना है कि यह तो कुछ उदाहरण मात्र हैं जबकि जिला और प्रदेश भर में हजारों तालाबों की स्थिति जब की तस है।