मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
रमजान माह के अंतिम जुमा को मेजा की विभिन्न मस्जिदों में अलविदा की खास नमाज परंपरागत एवं अकीदत के साथ पढ़ी गई। मेजाखास, कोहड़ार,मेजारोड,सिरसा,चिलबिला, भारतगंज और मांडा आदि स्थानों पर मुसलमान भाइयों ने विशेष नमाज अदा कर देश में अमनों अमन व मग़फिरत की दुआएं मांगी। जुमा अलविदा की नमाज की तैयारी में लोग सुबह से ही जुटे दिखाई दिए। मुस्लिम बस्तियों एवं मस्जिदों के आसपास विशेष सफाई की व्यवस्था की गई। मेजा पुलिस द्वारा कोतवाल धीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया था। अलग-अलग निर्धारित समय पर जुमा अलविदा की नमाज अदा की गई। छोटे हों या बड़े अथवा बुजुर्ग हर कोई अल्लाह की
इबादत में मशगूल नजर आया। जुमे के खुतबे में मस्जिद के पेश इमामों ने जुमे की इस खास नमाज की अहमियत के बारे में विस्तार पूर्वक रोशनी डालते हुए लोगों से माह-ए-रमजान के आखिरी जुमे में गुनाहों से तौबा करने एवं अल्लाह की रहमत हासिल करने के लिए दुआ मांगा। शुक्रवार को क्षेत्र में जुमा अलविदा की नमाज शांति पूर्वक माहौल में संपन्न हुई, इबादत कर लोगों ने दुआएं मांगी।
रमजान शरीफ के अंतिम जुमा को अलविदा की नमाज स्थानीय मस्जिद व आस-पास के गांव में शांतिपूर्वक अदा की गई। जुमा अलविदा की नमाज अदा करने के उत्साहित मुस्लिम समुदाय के लोगों से मस्जिद खचाखच भरी रहीं। मेजाखास के जामा मस्जिद में हाफिज इमाम ने नमाज अता कराई। नमाज से पूर्व अपनी तकरीर मे रमजान माह की महत्ता व शबे कद्र की विशेषता का बखान किया। जकात , सदका - ए - फितर के विषय मे भी लोगों को विस्तार से बताया। एक ओर जहां 75 वर्षीय निजाम व 72 वर्षीय मौलवी ने नमाज अदा की। वहीं 7 से 10 वर्ष के बच्चों ने भी रमजान माह के आखिरी जुमे की नमाज में शिरकत की।नमाज के बाद पूरे आलम की शांति के लिए दुआ किया गया।