प्रयागराज (राजेश सिंह)। मांडा के नहवाई गांव में ग्राम प्रधानी की रंजिश को लेकर वर्ष 2010 में वारदात हुई थी जिसमें गोली लगने से पिता की मौत हो गई थी जबकि बेटा घायल हो गया था। जिला अदालत ने बुधवार को मुकदमे में अपना फैसला सुनाया। मामले में चार सगे भाई राकेश तिवारी, कमलेश तिवारी, नागेश्वर तिवारी और वेद मणि तिवारी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। नहवाई गांव में ग्राम प्रधानी की रंजिश को लेकर वर्ष 2010 में वारदात हुई थी, जिसमें गोली लगने से पिता की मौत हो गई थी, जबकि बेटा घायल हो गया था। जिला अदालत ने बुधवार को मुकदमे में अपना फैसला सुनाया। अपर जिला जज निशा सिंह ने अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आरके सिंह एवं आरोपितों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने के बाद पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन करने के बाद फैसला सुनाया। वादी मुकदमा विनय कुमार तिवारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि ग्राम प्रधान की रंजिश को लेकर 17 दिसंबर 2010 की सुबह नौ बजे राकेश तिवारी समेत अन्य आरोपित असलहा लेकर घर में घुस आए। फिर पिता दयाशंकर तिवारी और बड़े भाई विधान चंद्र तिवारी को गोली मार दी। इलाज के दौरान पिता दयाशंकर तिवारी की मृत्यु हो गई थी। अभियोजन ने आरोप को साबित करने के लिए नौ गवाहों का परीक्षण कराया। दौरान मुकदमा कुंजनलाल तिवारी का निधन हो गया।