आइपीएल के सटोरियों से कमरे के बदले प्रतिदिन तीन हजार रुपये लेता था धर्मेंद्र
प्रयागराज (राजेश सिंह)। आइपीएल 2022 में सट्टा खेलवाने वाले गैंग के सरगना समेत छह को एसटीएफ ने टैगोर टाउन से गिरफ्तार किया था। हालांकि जिस कमरे में यह खेल चल रहा था, उस कमरे को किराए पर लेने वाला धर्मेंद्र सिंह पुलिस के हाथ नहीं लगा था। गिरफ्तार सटोरियों ने पूछताछ में बताया कि कमरे में सट्टा का खेल संचालित कराने के नाम पर धर्मेंद्र मोटी रकम लेता था। प्रतिदिन उसे तीन हजार रुपये दिए जाते थे। वह कहां है, इस बारे में कोई कुछ नहीं बता सका। सटोरियों की गिरफ्तारी के बाद धर्मेंद्र सिंह ने अपना माेबाइल बंद कर दिया। इससे एसटीएफ उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही है। गिरोह के सरगना विकास केसरवानी निवासी सर्वोदय नगर अल्लापुर ने पूछताछ में बताया कि शाम करीब छह बजे उसकी धर्मेंद्र सिंह से फोन पर बातचीत हुई थी। उसने दो दिन बाद आकर रुपये लेने की बात कही थी। एसटीएफ को मौके से एक रजिस्टर भी मिला है। इसमें कई लोगों का नाम और उनका मोबाइल नंबर लिखा है। किसने कितने रुपये मैच में लगाए, सारा विवरण इसमें दर्ज है। अब एसटीएफ इन सभी के बारे में जानकारी जुटा रही है। सट्टा खेलने वाले कौन हैं और वह कहां रहते थे, इसकी जांच की जा रही है। पुलिस ने कुछ मोबाइल नंबरों पर फोन भी किया, लेकिन सभी बंद हैं। प्रयागराज शहर के टैगोर टाउन में दबिश देकर एसटीएफ ने विकास केसरवानी निवासी सर्वोदय नगर अल्लापुर, अंबर यादव उर्फ सौरभ निवासी फतेहपुर बिछुआ टैगोर टाउन, शुभेंद्र प्रताप सिंह निवासी संगम बिहार कालोनी खरकौनी नैनी, हिमांशु शिवहरे उर्फ अभिषेक निवासी सुभाष नगर गढ़िवा, थाना कोतवाली, जनपद फतेहपुर, रंजीत यादव उर्फ गोलू निवासी फतेहपुर बिछुआ टैगोर टाउन व शिवम चौरसिया निवासी साजन गली फाफामऊ बाजार को गिरफ्तार किया था। इसमें विकास केसरवानी गैंग का सरगना है। अंबर यादव गिरोह का मैनेजर और शुभेंद्र व हिमांशु सहयोगी हैं। रंजीत यादव और शिवम चौरसिया सट्टा लगाने वालों से रुपये का कलेक्शन करते हैं। वहीं आइपीएल के सटोरियों से कमरे के बदले प्रतिदिन तीन हजार रुपये लेने वाले धर्मेन्द्र को पुलिस तलाश रही है। उसका मोबाइल फोन बंद है जिसकी वजह से लोकेशन ट्रेस नही हो पा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही वह पुलिस की गिरफ्त में होगा।