दुर्गावती इंटरनेशनल स्कूल में मातृ दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ भव्य कार्यक्रम
मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। दुर्गावती इंटरनेशनल स्कूल एंड कॉलेज चंपारण स्टेट गोसौरा कला मेजा रोड में मातृ दिवस की पूर्व संध्या पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्र-छात्राओं की माताओं को आमंत्रित किया गया था। विद्यालय में पहुंची सभी माताओं का उनके बच्चों के द्वारा चंदन टीका लगाया गया, तत्पश्चात माताओं का माल्यार्पण करने के पश्चात प्रत्येक बच्चों द्वारा अपनी-अपनी माताओं की आरती की गई। माताओं के पूजन के समय विद्यालय के छात्र-छात्राओं के ग्रुप द्वारा गीत "तू मंदिर मंदिर क्या भटके" और "मेरी मां तू प्यारी मां.." गाते रहे, जिससे पूरा माहौल मातृमय में हो गया।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी माताओं एवं छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रबंधक और पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ स्वतंत्र मिश्रा ने कहा कि मातृ दिवस का अर्थ मां का दिन होता है। जब एक शिशु जन्म लेता है तो उसका पहला रिश्ता मां से होता है। एक मां शिशु को पूरे 9 माह अपने कोख में रखने को बाद जन्म देती है। इन 9 महीनों में शिशु और मां के बीच एक अदृश्य प्यार भरा गहरा रिश्ता बन जाता है और यह रिश्ता जीवन पर्यंत बना रहता है। बच्चे को जरा भी तकलीफ होने पर मां बेचैन होती है, वही तकलीफ के समय बच्चा भी मां को याद करता है। मां का दुलार और प्यार भरी पुचकार ही बच्चों के लिए दवा का कार्य करती है, इसलिए ममता और स्नेह के इस रिश्ते को संसार का सबसे खूबसूरत रिश्ता कहलाता है। दुनिया का कोई भी रिश्ता इतना मर्मस्पर्सी नहीं हो सकता। कुल मिलाकर कहे तो मां के जैसा संसार में कुछ भी नहीं, यह ईश्वर द्वारा बनाई गई सबसे अनमोल धरोहर है। बाद में डॉक्टर मिश्रा ने उपस्थित जनों को जानकारी देते हुए बताया कि मातृ दिवस मनाने की शुरुआत सर्वप्रथम ग्रीस देश में शुरू हुई थी, जहां देवताओं की मां को पूजने का चलन शुरू हुआ, बाद में इसे मातृ दिवस का रूप में मनाया जाने लगा। जबकि हिंदुस्तान में सनातन काल से ही हर दिन मातृ दिवस की तरह माताओं का सम्मान होता चला रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अध्यापिका सुधांशु दुर्वी, हेरा, हिना गोस्वामी, आकर्षिता श्रीवास्तव, पवन ,अमित बाजपेई, पुष्पराज त्रिपाठी, अंकुर, रितेश, आदि की प्रमुख भूमिका रही।