मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
डायल102 और 108 एंबुलेंस सेवा गर्भवतियों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।जिससे गर्भवतियों को किसी भी तरह से परेशानियां नही होती है। इसका एक ताजा उदाहरण मेजा में देखने को मिला। एम्बुलेंस में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों की तत्परता, कुशलता एवं अनुभव से गर्भवती का एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया गया। एंबुलेंस में गर्भवती की हालत नाजुक देख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेजा लोकेशन के 102 एंबुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) विनोद कुमार और पायलट प्रवेश कुमार ने ग्राम पथरा की संगीता देवी पत्नी राम लक्ष्मण का सुरक्षित प्रसव कराया।
ईएमटी विनोद कुमार ने बताया-कि सुबह साढ़े 6 बजे यह प्रसव कराया गया।उन्होंने बताया कि गर्भवती के परिवार वालों ने एंबुलेंस बुलाने में बहुत देर कर दी थी। गर्भवती के घर जब पहुंचे तो उसकी तबियत सही नहीं थी। तुरंत ही उसे लेकर अस्पताल के लिए रवाना हो गए, लेकिन रास्ते में ही भइयां के पास उसकी हालत बिगड़ने लगी, ईएमटी विनोद कुमार ने रास्ते में ही प्रसव कराने का निर्णय लिया। अगर अस्पताल पहुंचने का इंतजार करते तो शायद अनहोनी हो सकती थी। उन्होंने बताया कि आकस्मिक समय में उन्हें प्रसव कराने का प्रशिक्षण दिया गया है। वही काम आया। उन्होंने आशा इंद्रावती और पायलट प्रवेश कुमार की मदद से एम्बुलेंस में प्रसव कराया। अब जच्चा - बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
इसी क्रम में मेजा निवासी गर्भवती सुमन पत्नी सूरज को सी एच सी मेजा ले जाते समय सिरखिड़ी के पास असहनीय पीड़ा होने लगी तो ई एम टी शैलेंद्र सिंह यादव ने पायलट प्रदीप कुमार को एम्बुलेंस को रोकने के लिए कहा।एम टी शैलेंद्र कुमार ने आशा ममता व मरीज के परिजनों की मदद से ममता को सकुशल प्रसव कराया। इसके बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहां जच्चा व बच्चा दोनो स्वस्थ हैं।सी एच सी अधीक्षक ओम प्रकाश ने दोनों ई एम टी की सराहना की है।उन्होंने कहा कि अक्सर मरीज के परिजन एम्बुलेंस बुलाने में देरी करते हैं जिसके कारण मरीज की हालत देखकर ई एमटी को एम्बुलेंस में ही प्रसव करना पड़ता है।