मांडाखास, प्रयागराज (शशिभूषण द्विवेदी)। हल्के हवा के झोंके से ही मांडा क्षेत्र के विभिन्न गांवों के तमाम जर्जर विद्युत पोल और तार जमीन पर गिर जाते हैं, जिसे अक्सर बिजली बाधित हो जाती है ।
मांडा क्षेत्र में 1966 में पहले विद्युत उपकेंद्र का मांडा रोड में स्थापना किया गया, लेकिन तब से अब तक कभी भी किसी गाँव के विद्युत तारों का नवीनीकरण नहीं हो पाया। मांडा खास सहित विभिन्न बाजारों और गांवों में लकड़ी के कराची से बंधे विद्युत तारों से बिजली की आपूर्ति होती है। लोड बढ़ने, बरसात या हल्के हवा के झोंके में जर्जर विद्युत तार और खंभे जमींदोज हो जाते हैं, जिससे बरसात के मौसम में लोगों को अक्सर अंधेरे में रातें गुजारनी पड़ती हैं। शनिवार दोपहर हल्के हवा के झोंके से मांडा, भारतगंज क्षेत्र के कुछ गांवों में बिजली के खंभे और तार टूटकर जमीन पर आ गये, जिससे घंटों आपूर्ति बाधित रही । बिजली न रहने पर पेयजल समूहों से पेयजल की आपूर्ति भी नहीं हो पाती, जिससे हर वर्ग प्रभावित और परेशान होता है।