प्रयागराज (राजेश सिंह)। शुक्रवार को नमाज के बाद बवाल की आशंका को देखते हुए प्रशासन की ओर से सतर्कता बढ़ा दी गई है। तनाव वाले क्षेत्रों में ही 20 जोनल एवं 50 सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। ये बृहस्पतिवार से शुक्रवार देर रात तक पूरे क्षेत्र पर नजर रखेंगे। पूरे क्षेत्र पर सीसीटीवी कैमरों से तो नजर रखी ही जा रही है, हर छोटी-बड़ी गतिविधि की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। मंडलायुक्त, आईजी, डीएम, एसएसपी समेत अन्य अफसरों ने अटाला, करेली समेत अन्य संवेदनशील इलाकों का पैदल मार्च किया। यह सिलसिला देर रात जारी रहा। इसके अलावा अटाला, करेली तथा शहर के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। इनके साथ लेखपाल आदि स्टॉफ की भी ड्यूटी लगाई गई है। सभी मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्र में मस्जिदों तथा अन्य स्थानों पर तैनात वालंटियर के संपर्क में रहेंगे। पूरे क्षेत्र पर चौराहों, प्रमुख मार्ग पर लगे कैमरों से नजर रखी जा रही है। इसके अलावा दुकानों, घरों तथा अन्य स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमराें भी जांच कराई गई है कि कौन-कौन से चालू हालत में हैं। डीएम संजय कुमार खत्री का कहना है कि हर तरफ शांति है। एहतियातन क्षेत्र में फोर्स तैनात है। अफसरों की भी ड्यूटी लगाई गई। इसके अलावा अन्य कदम भी उठाए गए हैं। उनका कहना है कि शांति व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीएम समेत अन्य अफसरों ने बृहस्पतिवार को भी धर्म गुरुओं तथा क्षेत्र के प्रमुख लोगों से वार्ता की और शौहार्द बनाए रखने में सहयोग की अपील की। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। प्रशासन की मस्जिदों के अलावा मदरसों तथा अन्य संवेदनशील भवनों पर भी नजर है। बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन भी बृहस्पतिवार को यहां पहुंच गए। संवेदनशील इलाकों में मदरसों के निरीक्षण के साथ संचालकों संग बैठक की। उन्होंने संचालकों को हिदायत दी कि मदरसों से किसी तरह की उकसाने वाली घटना न होने पाए। पिछले शुक्रवार को हुए बवाल में बड़ी संख्या में किशोर एवं युवक शामिल रहे। आशंका जताई जा रही है कि इनमें बड़ी संख्या में मदरसों के छात्र भी शामिल रहे। इसलिए प्रशासन की मदरसों पर खास नजर है। इसी क्रम में अभी कुछ दिन पहले तक यहां जिला अल्पसंख्यक अधिकारी का कार्यभार देखने वाले बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन भी यहां पहुंच गए। रजिस्ट्रार ने मदरसों के निरीक्षण के दौरान देखा कि कहीं पत्थर या अन्य वस्तुएं तो नहीं हैं। उन्होंने छात्रों की सूची भी मांगी है। इससे पहले बैठक में रजिस्ट्रार ने संचालकों शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपील की। साथ ही हिदायत दी कि मदरसों में कहीं ईंट-पत्थर या अन्य किसी तरह के संदिग्ध वस्तुएं न रहें। मदरसों में आने वाले छात्रों के अलावा अन्य लोगों पर भी नजर रखी जाए। चेतावनी दी कि यदि कहीं से शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी। बैठक में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी कृष्ण मुरारी के अलावा चार दर्जन से अधिक मदरसाें के संचालक मौजूद रहे। तनाव को देखते हुए प्रशासन की ओर से ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। हर थाने में एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है, जो अपने-अपने क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इसके अलावा यदि कोई विरोध-प्रदर्शन हो तो उनसे मांगपत्र लेकर विरोध को शांत कराएंगे।

