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प्रयागराज मे स्पाई कैमरा मामला : चार महीने से चल रहा था अश्लील वीडियो बनाने का खेल

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। कचहरी रोड पर रहने वाली छात्राओं के बाथरूम में स्पाई कैमरा मिलने के मामले में एक और खुलासा हुआ है। जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि पिछले चार महीने से यह खेल चल रहा था। मकान मालिक का आरोपी बेटा आशीष खरे चार महीनों से स्पाई कैमरे के जरिये न्यूड वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था। यह भी पता चला है कि उसने स्पाई कैमरा ऑनलाइन वेबसाइट से मंगवाया था। विवेचना के दौरान इन तथ्यों को मुकदमे में शामिल किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि पूरे मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो कई चौंकाने वाली बातें पता चलीं। इन्हीं में से एक कंप्यूटर लैब से भी संबंधित थीं। आरोपी से जब इस बाबत पूछा गया तो उसने बताया कि वह कंप्यूटर हार्डवेयर की क्लास चलाता था और इसी लैब में बच्चों को पढ़ाता था। लेकिन जब पुलिस ने बाथरूम में मिले स्पाई कैमरे की जांच की तो पता चला कि इसी लैब में एक डीवीआर भी था, जिससे कैमरा कनेक्टेड था। इसी डीवीआर से लैब में रखी एलईडी स्क्रीन को कनेक्ट किया गया था, जिस पर वीडियो देखा जाता था। सूत्रों का कहना है कि अब तक कि जांच में यह बात सामने आई है कि पिछले चार महीनों से आरोपी आशीष इस कृत्य में जुटा हुआ था। चार महीने पहले उसने ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी से यह कैमरा मंगवाया था। इसके बाद इसे राजापुर के फैय्याज से इंस्टाल कराया। फैय्याज इलेक्ट्रॉनिक्स का काम जानने के साथ ही सीसीटीवी इंस्टाल भी करता था। पुलिस शुक्रवार को दिन भर उसकी तलाश में जुटी रही। दरअसल इस बात की भी पूरी आशंका है कि न्यूड वीडियो देखने में फैय्याज भी शामिल रहा हो। पुलिस अफसरों का कहना है कि उसे मालूम था कि कैमरा गलत नीयत से इंस्टाल कराया जा रहा है। इसके बावजूद उसने न सिर्फ कैमरा इंस्टाल किया, बल्कि यह बात छिपाए रखी। सीओ कर्नलगंज अजीत सिंह चौहान ने बताया कि उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मौके से बरामद डीवीआर, हार्ड डिस्क समेत अन्य सामान जल्द ही फोरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजे जाएंगे। गौरतलब है कि मौके से एक मॉनीटर, चार रैम, नौ हार्ड डिस्क, दो डिजिटल वीडियो रिकार्डर, दो एडॉप्टर, एक सीपीयू, तीन सिम, छह डायरी (जिसमें लड़कियों के फोन नंबर लिखे हैं) एक डिब्बा (100 से अधिक लड़कियों की पासपोर्ट साइज फोटो) तथा तमाम आपत्तिजनक चीजें बरामद हुई थीं। फोरेंसिक जांच में पता चलेगा कि डीवीआर व हार्ड डिस्क में कितने वीडियो या तस्वीरें हैं। अफसरों का कहना है कि एक -दो दिन के भीतर बरामद सामान जांच के लिए एफएसएल भेज दिए जाएंगे। पुलिस की ओर से से आरोपी के मोबाइल नंबर की सीडीआर भी खंगाली जाएगी। सीडीआर के जरिये यह पता चलेगा कि आरोपी आशीष किन-किन लोगों के संपर्क में था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सीडीआर में कोई ऐसा नंबर मिलता है, जिससे वह लगातार या अक्सर संपर्क में रहा है तो उससे भी पूछताछ की जाएगी। जांच के लिए पुलिस टीम जुटी हुई है।

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