प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा-यमुना उफान पर हैं और खतरे के निशान के करीब पंहुचने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी ग्रामीण क्षेत्रों पर भारी पड़ने लगी है। कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं तो सैकड़ों एकड़ फसल भी जलमग्न हो गई है। झूंसी के एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया है। लोगों के पास सरकारी नाव का ही सहारा है। दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी में कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन शहर में कछारी इलाके की बस्तियाें के करीब बाढ़ का पानी पहुंच गया है। इससे जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी से भी खतरा बना हुआ है। शनिवार तक बस्तियों में पानी घुसने का भी अंदेशा बन गया है। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही आश्रय स्थल सक्रिय कर दिए गए हैं। शनिवार को बघाड़ा के एनी बेसेंट स्कूल में बने आश्रय स्थल में एक महिला ने शरण भी ले ली। एडीएम वित्त एवं राजस्व जगदंबा सिंह का कहना है कि शहरी क्षेत्र में अभी बस्तियों में बाढ़ का पानी नहीं घुसा है। आगे भी जलस्तर में बहुत बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है, लेकिन सभी संबंधित लोगों को अलर्ट पर रखा गया है। बघाड़ा, सलोरी, बेली, राजापुर आदि क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से निचले इलाके में बसे लोगों के घर तक पानी पहुंचने लगा है। घर में पानी आ जाने की वजह से छोटा बघाड़ा के पान पति, एक प्रतियोगी छात्र ने शनिवार शाम को एनी बेसेंट स्कूल में बने आश्रय स्थल में शरण ली। गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण झूंसी के कछारी गांव के लोगों का संकट बढ़ने लगा है। पिछले दो दिनों से ग्रामीणों की जिंदगी सड़क से उठकर छह नावों पर आ गई है। इन्हीं नावों पर बाढ़ प्रभावित ग्रामीण साइकिल, मोटरसाइकिल और दूधिए बाल्टा लादकर घर से झूंसी तक का सफर तय कर रहे हैं। गंगा-यमुना के जलस्तर में शनिवार को भी बढ़ोतरी जारी रही। रातभर में बदरा-सोनौटी मार्ग पर पानी डेढ़ से दो फीट तक बढ़ गया था। इसकी वजह से बदरा, सोनौटी, ढोलबजवा, बहादुरपुर, गंजिया, हेतापट्टी, इब्राहिमपुर, खजुरी, फतेहपुर, एकलासपुर, मदारपुर, पैगंबरपुर, फैज्जुलापुर, सकरा, इब्राहिमपुर समेत तकरीबन डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट है।