प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा और यमुना ऊफान पर हैं और बाढ़ का दायरा बढ़ता जा रहा है। दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ थमी जरूर है लेकिन मुसीबतें बरकरार हैं। अफसरों के अनुसार जलस्तर में बढ़ोतरी का क्रम अभी एक-दो जारी रहेगा। इसके बाद एक सप्ताह तक जलस्तर में बहुत कमी की उम्मीद नहीं है। खतरे का निशान 84.734 मीटर है। इसके विपरीत दोनों नदियों का जलस्तर 85.50 मीटर से ऊपर पहुंच गया है। इसकी वजह से बघाड़ा, सलोरी, बेली कछार, ऊंचवागढ़ी, राजापुर, करेली, बदरा-सोनौटी, कसारी-मसारी समेत तीन दर्जन से अधिक मोहल्लों की बस्तियों में बाढ़ का पानी भीतर तक घुस गया है, जिसमें हजारों परिवार फंस गए हैं। बाढ़ की विभीषिका को इससे ही समझा जा सकता है कि शनिवार शाम तक 17 राहत शिविरों में 1100 परिवारों के 5100 से अधिक लोग पहुंच गए थे। इसके अलावा पलायन एवं शिविरों में बाढ़ प्रभावितों के पहुंचने का क्रम लगातार जारी रहा। इसके अलावा शहर और ग्रामीण इलाकों में पीड़ितों को निकालने व राहत सामग्री पहुंचाने के लिए 128 नावों को लगाया गया है। हजारों लोग बाढ़ से चौतरफा घिरे घरों में भी फंसे हैं। चोरी का डर तथा अन्य वजहों की वजह से लोग अपना घर नहीं छोड़ना चाहते। तीन-चार दिनों से इस तरह से फंसे लोगों के सामने खाना-पानी, दवा, आवागमन समेत अनेक समस्याएं खड़ी हो गई हैं। यहां तक कि मोबाइल स्विच ऑफ होने की वजह से अपनों संपर्क भी टूट गया है। प्रशासन की ओर से राहत पैकेट जाने तथा अन्य सुविधाएं दिए जाने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन नाकाफी साबित हो रहे हैं। ऐसे में बढ़ते जलस्तर से उनकी चिंता और बढ़ गई है।