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बोलन मेला रविवार से शुरू, तैयारियां अंतिम चरण में

 महाभारत काल से है बोलन मेला का इतिहास 


मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

 दो दिवसीय बाबा बोलन नाथ धाम मेला आगामी रविवार से शुरू होगा,जिसके लिए सभी तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई है।मनोरंजन के साधन जहां पूरी तरह से सज धज कर मेलार्थियों की सेवा में तैयार हैं।वहीं दूर दराज से आने वाले दुकानदार भी अपनी अपनी जगह व्यवस्थित कर लिया है।दुकानदारों के आने का सिलसिला सोमवार से ही जारी है।इस समय सी एच सी मेजा से लेकर गुनई नाला तक दुकानें फूल जो गई है।इधर मेला को सकुशल संपन्न कराने को लेकर रामलीला कमेटी की कई दौर की बैठक रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अमित यादव की अध्यक्षता में भी हो चुकी है।अब केवल वॉलिंटियरो का खाका तैयार करना है। जिला अपराध निरोधक कमेटी के स्वयंसेवकों सहित सभी को अलग अलग जिम्मेदारियां दिया जा रहा है। बोलन मेला महाभारत काल से जुड़ा हुआ है।इस संबंध में किबदंती है कि पांचों पांडव लक्षागृह से निकलने के बाद इसी रास्ते से आए थे। जहां सभी प्यास का कारण थकान महसूस करने पर (हिडिंब वन आज का बोलन धाम) सो गए।केवल भीम माता कुंती और भाइयों की रक्षा हेतु जागते रहे।उधर मानवों की सुगंध मिलने पर हिडिंब राक्षस ने अपनी बहन हिडिंबा को उन्हें पकड़ने के लिए भेजा।हिडिंबा भीम को देख मोहित हो गई।हिडिंबा के आने की देरी होने पर हिडिंब पहुंचा और भीम से भिड़ गया।भयंकर युद्ध हुआ,जिसमे हिडिंब मारा गया और हिडिंबा के कहने पर माता कुंती ने भीम से उसके पास जाने को कहा।इधर पांचों भाई प्यास से व्याकुल थे।अर्जुन ने अपने वाणों से पानी निकला और सभी प्यास बुझाई। अर्जुन द्वारा बाण से पानी निकलने का साक्ष्य आज भी मौज है।जिसे बाण गंगा के नाम से जाना जाता है।बताते हैं की अकाल पड़ने पर भी बाण गंगा का पानी कभी सूखता नहीं है।


गांव के बुजुर्गों का कहना है कि मेला उसी समय से लगता चला आ रहा है।क्योंकि इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है कि मेला कब से लग रहा है।बाबा बोलन नाथ धाम नाम पड़ने के पीछे बुजुर्गों का कहना है कि कालांतर में चरावाहे द्वारा पानी पीने की तलाश में इसी जगह पहुंचे और उन्हें शिवलिंग दिखाई दिया।बताते हैं कि लोगों ने वहां मूर्तियों के बोलने की आवाज का आभास हुआ।जिससे उस स्थान का नाम बोलन पड़ा।समय बीतता गया और मेला आधुनिक रूप लेता गया।आज मेले का रूप विस्तृत जो गया है। बोलन मेला को लेकर क्षेत्रीय लोगों में खासा उत्साह है।ग्रामीणों ने इस स्थान को पर्यटन के रूप में देखना चाहते हैं,जिसके लिए शासन -प्रशासन से लगातार मांग करते आ रहे हैं।

Svnews

आश्वासन मिल रहा है लेकिन पहल नहीं जो पा रही है।कुछ दिन पहले प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर के लिए बोलन तालाब के नाम का प्रस्ताव खंड विकास अधिकारी मेजा सईद अहमद द्वारा किया गया।अब केवल प्रमुख और विधायक कोरांव को इस पर प्रस्ताव पास करने का जिम्मा है।ग्रामीणों को उम्मीद है कि बीडीओ की पहल सार्थक के रूप में होगी।ऐसा होने पर क्षेत्र के लिए बोलन तालाब वरदान साबित होगा।

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