मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
जून व जुलाई में औसतन कम बारिश हुई। हालांकि अगस्त माह में किसानों को कुछ राहत जरूर मिली लेकिन पर्याप्त बरसात नहीं हुई।इस माह में जुलाई के सापेक्ष अधिक वर्षा हुई। उधर बिजली कटौती ने इस परेशानी को और बढ़ा दिया है। किसान नलकूपों से भी सिचाई नहीं कर पा रहे हैं। किसानों की माने तो इस बार बीज तक के दाम निकलना मुश्किल है।
मालूम हो कि मौजूदा समय में क्षेत्र के अन्नदाता धान की फसल को लेकर काफी चिंतित हैं। खाद व बीज की समस्याओं से जूझने के बाद किसी तरह धान की बोआई तो कर ली पर अब सिंचाई को लेकर वह मुश्किल में हैं। एक तरफ जहां औसत से भी कम बरिश हुई है। वहीं शासन-प्रशासन भी सिंचाई को लेकर गंभीर नहीं है। अधिकांश राजकीय नलकूप खराब हैं तो नहरों में पानी नहीं आ रहा हैं।बारिश ने भी इस बार किसानों को निराश कर रहा है। बीते तीन माह के दौरान जून व जुलाई में सामान्य से काफी कम वर्षा हुई है, जबकि अगस्त माह में सामान्य से थोड़ा अधिक वर्षा हुई। अब सितंबर माह में बारिश की आश लगाए किसानों को क्या खुश खबरी मिलेगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।मेजा के खोर निवासी किसान श्रीकांत ने बताया कि बारिश कम होने से धन की फसल प्रभावित हो रही है।यदि सितंबर माह में अच्छी बारिश हो जाती है तो ठीक है नही तो डी
खेती में लगी पूंजी भी निकलना मुश्किल हो जायेगा।फिलहाल किसान येन केन प्रकारेड अपनी धन की फसल को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं कि हो सकता है सितंबर माह में अच्छी बारिश हो जाए और उनकी मेहनत का मुआवजा मिल जाए।