हत्या में दरोगा दोषी करार, सजा के बिंदु पर कोर्ट में सुनवाई आज
रायबरेली (राजेश सिंह)। करीब सात साल पहले प्रयागराज स्थित सिविल कोर्ट परिसर में अधिवक्ता नबी अहमद की हुई हत्या के मामले में गुरुवार को सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। सत्र न्यायाधीश अब्दुल शाहिद ने अधिवक्ता की हत्या के मामले में दरोगा शैलेंद्र सिंह को दोषी करार दिया। वहीं आपराधिक षड़यंत्र के आरोप में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दरोगा शैलेंद्र सिंह व सह आरोपी राशिद सिद्दीकी को दोषमुक्त करार दिया। सजा के बिंदु पर कोर्ट 23 सितंबर को सुनवाई करेगा। दरोगा शैलेंद्र सिंह रायबरेली जिला कारागार में बंद है। शुक्रवार को सजा सुनाए जाने के दौरान उसके कोर्ट में लाए जाने की संभावना है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) अजय मौर्य के मुताबिक मामले की रिपोर्ट नबी अहमद के पिता प्रयागराज के औद्योगिक थाना क्षेत्र के हल्दी खुर्द निवासी शाहिद सिद्दीकी ने कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट के अनुसार वादी 11 जनवरी 2015 को दोपहर करीब एक बजे अपने बेटे नफीस अहमद के साथ जिला कचहरी गया था। वादी अपने दूसरे पुत्र नबी अहमद एडवोकेट से मिलने उसके चैंबर पर गया तो पता चला कि वह कोर्ट गया है।
बेटे से मिलने कोर्ट जाने लगा तो देखा कि सीढ़ियाें के पास नबी अहमद दरोगा शैलेंद्र सिंह से बात कर रहा था। अचानक शैलेंद्र ने बेटे नबी का कॉलर पकड़ लिया और कहा, आज तुम्हारी वकालत खत्म कर दूंगा। इतना कहकर उसे गोली मार दी। बेटे को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया कि नबी अहमद ने एक मामले में राशिद सिद्दीकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन राशिद ने दरोगा शैलेंद्र सिंह से मिलकर फाइनल रिपोर्ट लगवा दी थी। राशिद सिद्दीकी ने नबी अहमद को हत्या की धमकी दी थी। पुलिस ने विवेचना के बाद दरोगा शैलेंद्र सिंह के खिलाफ हत्या व आपराधिक षड्यंत्र व राशिद सिद्दीकी के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दरोगा को हत्या के मामले में दोषी करार दिया। वहीं साजिश रचने के आरोप में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में शैलेंद्र व राशिद सिद्दीकी को दोषमुक्त करार दिया।
हाईकोर्ट के आदेश पर जिले में हुई सुनवाई
अधिवक्ता की हत्या का मामला प्रयागराज जिले से जुड़ा है। घटना की रिपोर्ट कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई गई थी, लेकिन मामला अतिसंवेदनशील व अधिवक्ता से जुड़ा होने के कारण हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले को विचारण के लिए यहां भेजा गया था। जिला जज कोर्ट में पहली बार 18 सितंबर 2015 को सुनवाई हुई थी।
सुरक्षा के रहेंगे पुख्ता इंतजाम : एसपी
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि इलाहाबाद स्थित सिविल कोर्ट में अधिवक्ता की हत्या किए जाने के मामले में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। सुरक्षा में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। पुुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।