मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव)। क्षेत्र में लगातार बढ़ते डेंगू के कहर से बचाव के लिए शासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव में मच्छरों को मारने जैसी दवाओं का छिड़काव करने का निर्देश तो जारी कर रखा है लेकिन उस की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर पर कुछ ऐसा ही देखने को नहीं मिल रहा जहाँ अब तक एक भी गांव में दवाओं का छिड़काव नही कराया गया।
सरकारी आदेश निर्देश तो बहुत दिए जाते हैं लेकिन वह सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह जाते हैं। डेंगू से लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा और स्थिति यह है कि अस्पतालों में जगह की कमी हो चुकी है। बावजूद इसके भी स्थानीय स्तर पर स्वास्थ विभाग लापरवाह बना हुआ है। इसी के साथ गांव में साफ सफाई के लिए नियुक्त किए गए सफाई कर्मी भी नदारद दिखते हैं। वह अपने कार्य को करने के बजाय अधिकारियों के साथ साठ गांठ से आराम फरमा रहे हैं।
दर्जनों गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि शासन द्वारा सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति भले ही हुई है लेकिन गांव में उनका कोई अता पता ही नहीं चलता और गंदगी का अंबार लगा ही रहता है ।बात करे तो योगी सरकार में भ्रष्टाचार और अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन की तो या वह अपना ईमानदारी से कार्य को करते हैं यह काम में लापरवाही करने के ऊपर कार्रवाई की जाती है, लेकिन ऐसा भी कुछ सफाई कर्मियों पर नहीं देखने को मिलता जिससे उनका मनोबल काम करने के बजाय आराम फरमाने में ज्यादा बढ़ा हुआ देखा जाता है।