जिला प्रशासन से मांगी कार्ययोजना
मिर्जापुर (राजेश सिंह)। मां विंध्यवासिनी मंदिर, अष्टभुजा, कालीखोह के साथ ही त्रिकोण परिक्रमा पथ पर पड़ने वाले सभी प्रमुख मंदिरों का जीर्णोद्धार करने के साथ ही उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसको लेकर धर्मार्थ कार्य विभाग ने जिला प्रशासन से विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। इतना ही नहीं इन क्षेत्रों में पर्यटक सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा। इसको लेकर सर्वे भी शुरू हो गया है। विंध्य कॉरिडोर योजना के तहत मां विंध्यवासिनी मंदिर के परिक्रमा पथ के साथ ही यहां तक आने वाले मार्गों को विकसित किया जा रहा है। अभी मंदिर परिसर के अंदर कोई विशेष कार्य नहीं कराया जा रहा है।
24 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां विंध्यवासिनी के दर्शनोपरांत कॉरिडोर प्रगति व कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर मंडलायुक्त सभागार में बैठक की। इस दौरान अधिकारियों को कॉरिडोर कार्य के साथ ही विंध्यवासिनी मंदिर, कालीखोह, अष्टभुजा सहित त्रिकोण परिधि में आने वाले समस्त प्रमुख मंदिरों का भी सुंदरीकरण कराए जाने का निर्देश दिया था। इसके बाद धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से जिला प्रशासन को पत्र आया। इसमें त्रिकोण परिक्रमा पथ को विकसित किए जाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना मांगी गई। त्रिकोण परिक्रमा पथ में पड़ने वाले मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ ही उनके सुंदरीकरण (गर्भगृह को छोड़कर) किया जाना है। इसके साथ मंदिर तक आने वाले रास्तों का चौड़ीकरण किया जाएगा। मंदिर तक आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए यात्री शेड, पीने का पानी, पार्किंग, टॉयलेट इत्यादि की व्यवस्था की जानी है। पर्यटन विभाग ने इसका सर्वे कार्य शुरू कर दिया। त्रिकोण परिक्रमा पथ पर पड़ने वाले मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा, कालीखोह, मंदिरों के साथ ही कई अन्य प्राचीन मंदिरों का सुंदरीकरण होगा। गर्भगृह को छोड़कर मंदिर परिसर को नवीन रूप दिया जाएगा। प्राचीन तारा देवी, रामेश्वर महादेव, लालभैरव, दूध नाथ महादेव, बंधवा महावीर इत्यादि मंदिरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण किया गया। विंध्य क्षेत्र स्थित ओझला पुल से लेकर देवरी गांव स्थित कर्णावती नदी तक त्रिकोण परिधि फैला हुआ है। जिसके परिधि में दर्जनों की संख्या में प्रमुख मंदिर है। जिनका सैकड़ों वर्ष पुराना इतिहास है। उधर, सहायक पर्यटन अधिकारी नवीन कुमार के नेतृत्व में शनिवार को राजस्व टीम ने तमाम प्रमुख मंदिरों का सर्वे कर उनका क्षेत्रफल इत्यादि का विवरण प्राप्त किया। शनिवार की दोपहर सहायक पर्यटन अधिकारी नवीन कुमार सिंह ने विंध्यवासिनी मंदिर के पूरब में बटुक भैरव, लालभैरव , नागकुंड, राधाकृष्ण मंदिर तथा दुग्धेश्वर महादेव मंदिर का सर्वे किया।