प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के गंगापार स्थित फाफामऊ और थरवई में हुए सामूहिक हत्याकांड की घटनाएं आज भी रुह कंपा देती हैं। दो वर्षों में इन दो घटनाओं में नो लोगों की नृशंश हत्या की गई थी। सामूहिक दुष्कर्म भी हुआ था। इन घटनाओं में खरवार गैंग के कई सदस्य गिरफ्तार हुए थे। गैंग के सदस्य मुर्गी पाख और डेभी खरवार के इशारे पर ही खरवार गैंग चलता था। कहां वारदात को अंजाम देना है, वही तय करते थे। गैंग के अन्य गुर्गों से पहले यह रेकी कराते थे और अंतिम में यह भी रेकी करते थे। घटना को अंजाम देने के बाद किसे कहां भागना है, यह भी दोनों पहले से तय कर देते थे। पुलिस ने इन पर शिकंजा कस दिया है।
पुलिस ने मुर्गी पाख और डेभी खरवार से डीएनए जांच के लिए सैंपल देने की बात कही तो वह आनाकानी करने लगे। हालांकि कोर्ट का आदेश जब दोनों को दिखाया गया तो वह चुप हो गए। इसके बाद उनका सैंपल लिया गया। पुलिस को उम्मीद है कि इनके सैंपल मृतकों के लिए गए नमूने से मिलेंगे, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि खरवार गैंग ने ही वारदात को अंजाम दिया था।
फाफामऊ में नवंबर 2021 और थरवई में अप्रैल 2022 को सामूहिक हत्याकांड की घटनाएं हुईं थी। फाफामऊ में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। थरवई में पांच लोगों की हत्या की गई थी। यहां भी सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। इन घटनाओं को लेकर सियासत भी जमकर हुई थी।
पुलिस ने 13 आरोपितों को गिरफ्तार कर इन दोनों घटनाओं के साथ ही अन्य वारदातों का राजफाश किया था। यह सभी खरवार गैंग के गुर्गें थे। आठ आरोपितों का पुलिस ने डीएनए जांच के लिए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा था, जहां से रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी।
फाफामऊ और थरवई में हुई घटनाओं को लेकर लोग दहल गए थे। जिन घरों में यह वारदात की गई थी, वह गरीब थे। बदमाशों को इनके घर से चंद रुपये व आभूषण ही मिले थे।
दोनों घटनाओं में एक बात यह थी कि दोनों ही घर सड़क के किनारे थे। आसपास किसी का मकान नहीं था। दिन ढलने के बाद यहां सन्नाटा पसर जाता था। मकान में चारों तरफ से कहीं से भी दाखिल हुआ जा सकता था। इसी का बदमाशों ने फायदा उठाया था।