प्रयागराज (राजेश सिंह)। स्थानांतरण के दो साल बाद भी सिद्धार्थनगर में तैनात चिकित्साधिकारी डा. रामचंद्र ने सरकारी आवास खाली नहीं किया है। इसलिए लोक निर्माण विभाग ने उनसे 5.27 लाख रुपये की रिकवरी का नोटिस जारी किया है। उन्हें इस धनराशि को जमा कराने के साथ ही जल्द से जल्द आवास खाली करने का निर्देश दिया गया है।
प्रयागराज के अंदावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनाती के दौरान डा. रामचंद्र को 2013 में बाल चिकित्सालय कालोनी का आवास 375/4 आवंटित किया गया था। 2020 में उनका तबादला सिद्धार्थनगर हो गया था। वह 19 सितंबर 2020 को यहां से कार्यमुक्त भी हो चुके हैं। फिर भी आवास खाली नहीं किया है। उस आवास में डा. रामचंद्र के कई सगे संबंधी रहते हैं। उनके तबादले के बाद इस आवास को मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय में तैनात डाक्टर बृजेश यादव को आवंटित कर दिया गया था।
जब वह वहां कब्जे लेने पहुंचे तो उनसे विवाद किया गया। आवाज से कब्जा न हटे इसके लिए उन्होंने नए आवंटी के खिलाफ कई शिकायतें भी की। कई झूठे आरोप भी लगाए। डा. रामचंद्र की पत्नी के नाम झूसी में आवास है फिर भी वह सरकारी आवास पर कब्जा जमाए हुए हैं। लोक निर्माण विभाग ने उन्हें आवास खाली करने के लिए नोटिस दिया था।
एडीएम सिटी ने भी उन्हें आवाज खाली करने के लिए कहा था। सरकारी आवास खाली न करने पर निर्माण खंड एक के अधिशासी अभियंता केके श्रीवास्तव ने अब रिकवरी नोटिस जारी कर दिया है। आवास खाली न करने पर डा. रामचंद्र से आवास किराया, जलकर, सीवर कर आदि के रूप में 5,27,165 रुपये वसूला जाएगा। रिकवरी का यह नोटिस उनके वर्तमान तैनाती स्थल सहित सभी संबंधित उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। इसका भुगतान न करने पर उनके वेतन से कटौती की जाएगी।