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प्रयागराज : डीपीओ की संस्तुति पर पोषाहार बेचने के मामले में मुख्य सेविका निलंबित

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। गोदाम से पोषाहार लेकर बाजार में बेचने के मामले में निदेशक आईसीडीएस सरनीत कौर ब्रोका ने मंगलवार को मेजा ब्लॉक की मुख्य सेविका व प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) मीरा देवी को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) प्रयागराज की संस्तुति पर की गई है। निलंबित मुख्य सेविका को डीपीओ कार्यालय मिर्जापुर से संबद्ध किया गया है। वहीं, मामले की जांच उप निदेशक (पोषण एवं स्वास्थ्य) को सौंपी गई है। गौरतलब है कि 11 नवंबर को कोरांव पुलिस ने मीरा देवी के पास 50 किलोग्राम पोषाहार (गेहूं और दलिया) बरामद किया था। मीरा यह पोषाहार बस से लेकर घर जा रही थी, जहां से इसकी बिक्री करने वाली थी। पुलिस ने इसकी सूचना डीपीओ कार्यालय को दी तो प्रारंभिक जांच में मामला सही पाया गया। इसी आधार पर मीरा के खिलाफ कोरांव थाने में तहरीर दी गई है। मीरा पर विभागीय कार्य में लापरवाही बरतने का भी आरोप है।डीपीओ ने मीरा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) निदेशालय को भेजी थी। इस आधार पर निदेशक ने मीरा
देवी को निलंबित कर दिया है।

नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया प्रभारी सीडीपीओ
पुलिस की कार्रवाई के बाद भले ही मीरा पर कार्रवाई की गई, लेकिन मीरा को आला अफसरों का नजदीकी बताया जाता है। इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है
कि नियमों को ताक पर रखकर श्रेणी-3 की कर्मचारी मीरा को सीडीपीओ का प्रभार दे दिया गया। जबकि, नियमानुसार वित्तीय प्रशासनिक अधिकारी के पद का चार्ज
श्रेणी-2 स्तर के ही अधिकारी को ही दिया जा सकता है।

पोषाहार बेचने का आरोप, होगी जांच

भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित मेजा की मुख्य सेविका मीरा देवी पर पोषाहार बेचने समेत कई अन्य गंभीर आरोप भी लगे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं समूह की लिखित शिकायत पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जांच बैठा दी है। मीरा देवी को बस से पोषाहार ले जाते हुए पकड़ा गया था। इसे लेकर जांच चल रही है। इसी बीच उनके खिलाफ कई अन्य मामले भी सामने आए हैं। एक समूह की ओर से डीपीओ से की गई शिकायत के अनुसार सात जुलाई को पोषाहार उठाया गया था लेकिन वह आहार आंगनबाड़ी केंद्र तक नहीं पहुंचा। शिकायत पत्र के माध्यम से यह भी आरोप लगाया गया कि उस पोषाहार की कीमत 25 हजार रुपये है, जिसे 20 हजार रुपये में बेचा गया।
समूह की ओर से सहायकों से पैसा लेने का भी आरोप लगाया गया है। इससे पूर्व आगंनबाड़ी केंद्र की सहायक राजकुमारी ने भी मुख्य सेविका से पुष्टाहार नहीं मिलने की शिकायत की थी। डीपीओ दिनेश सिंह का कहना है कि मुख्य सेविका के खिलाफ शिकायत आई है। पूरे मामले की जांच कोरांव के सीडीपीओ को सौंपी गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

विवादों से है पुराना नाता

मुख्य सेविका मीरा देवी का विवादों से पुराना नाता है। भ्रष्टाचार के आरोप में उरुवा के पूर्व सीडीपीओ को निलंबित किया जा चुका है। स्मृति के खिलाफ चार साल पहले मीरा देवी ने ही मेजा थाने में एफआईआर लिखाई थी।

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