प्रयागराज (राजेश सिंह)। ए पूजा क पापा, हम संगम टॉवर के पास हई। आ के लिवा जा। मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम टॉवर से इस तरह की आवाज लगातार सुनाई देती रही। स्नान के लिए आए सैकड़ों लोग अपनों से बिछुड़ गए थे, जिन्हें मिलवाने का क्रम भी लगातार जारी रहा। इसके बावजूद 400 बच्चे देर रात तक भूले-बिछड़े शिविर में अपने माता-पिता का इंतजार करते रहे।
भूलोें-बिछड़ों के लिए संगम नोज के अलावा मेला प्रशासन पंडाल के पास शिविर लगाया गया है। दोनों स्थानों से बिछड़ों के बारे में लगातार उद्घोषणा भी होती रही। देर शाम तक 3775 लोग अपनों से बिछड़ गए थे। इनमें से ज्यादातर मिल भी गए थे।
इनमें से करीब 2800 लोग संगम नोज स्थित भूले-बिछड़े पर पहुंचे थे। जौनपुर की इंद्रावती श्रीवास्तव का परिवार तो घर वापस हो गया था। उन्हें वाहन की व्यवस्था करके भेजा गया।रीवा के पांच वर्ष के गोलू को तो यह भी आभास नहीं था कि वह अपने माता-पिता से बिछड़ गया है। सिविल डिफेंस के लोग गोलू को संगम टाॅवर के पास लाए और उद्घोषणा की गई। चार घंटे से भी अधिक समय बाद अपने बेटे को पाकर मां उससे लिपट पड़ी।
खास यह कि गोलू लगातार मुस्करा रहा था। ऐसे में माता-पिता का आधार कार्ड देखने एवं हर तरह से तसल्ली के बाद गोलू को उसके माता-पिता को सौंपा। रीवा की 65 वर्षीय कमला तो घंटों संगम टॉवर शिविर पर खड़ी रहीं। वह ग्रामीणों के साथ आईं थीं। इस तरह का क्रम देर रात तक चलता रहा।
देर रात तक करीब 400 बच्चे अपने परिजनों का इंतजार करते रहे। उन्हें मेला प्रशासन कार्यालय के पास बने भूले-बिछड़े शिविर में बैठाया गया था। इनमें सात साल का रवि भी शामिल रहा। रवि बहराइच के माफी गांव से अपने दादा पल्लू एवं दादी कुशलता देवी के साथ आया था।
अपनों से बिछडे़ लोगों को थानों, शवदाह गृह समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर बैठाया गया था। उद्घोषणा के दौरान उन स्थानों का भी जिक्र किया जा रहा था। ताकि, लोग आसानी से अपनों तक पहुंच सकें।
मेला क्षेत्र में चोरी की शिकायतें भी हुईं। सिविल डिफेंस के सदस्यों ने चार चोरों को रंगे हाथ पकड़ा और पुलिस के हवाले किया। खास यह कि इनमें तीन महिलाएं रहीं। सिविल डिफेंस की ओर से 54 लोगों को कंबल, 38 महिलाओं को साड़ी भी दी गईं। इनके सामान चोरी हो गए थे। कई लोगों को किराया देकर भी गंतव्य के लिए रवाना किया गया। सिविल डिफेंस की टीम माघ मेला के अलावा रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड आदि प्रमुख स्थानों पर भी तैनात रही। इनमें डिप्टी कंट्रोलर नरेंद्र शर्मा, चीफ वार्डन अनिल कुमार, राकेश तिवारी, रवि शंकर द्विवेदी आदि शामिल रहे।