मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
विकास खंड मेजा के ग्राम पंचायत भईयां अंतर्गत सींकी खुर्द के ग्रामीणों द्वारा प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए जाने को लेकर ग्राम पंचायत प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उपजिलाधिकारी मेजा को जांच कराने के लिए लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया है। ग्रामीण रंजना देवी पत्नी अभयराज आदिवासी, राधादेवी पत्नी अजय आदिवासी, गुलाब कली बेवा बोली मुसहर ने बताया कि ग्राम प्रधान पति द्वारा ऐसे ब्यक्ति को आवास हेतु चयनित किया गया है जिसके पास पहले से पक्का मकान बना हुआ है व कई ऐसे भी हैं जिनके पास टैक्टर व10बीघे से अधिक जमीन है। जबकि गांव में मुसहरान बस्ती में बिधवा महिला टूटी -फूटी झोपड़ी में रहते हुए गरीबी रेखा से नीचे का जीवन -यापन कर रही है किन्तु सुविधा शुल्क नहीं दे पाने के कारण प्रधानमंत्री आवास की पात्रता से बाहर है। इसी प्रकार से कई ऐसे लाभार्थियों को रिपोर्ट में अपात्र बताकर आवास योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया है जिनका नाम सूची क्रमांक के हिसाब से वरीयता पर था और ग़रीबी रेखा में आते हैं किन्तु फिर भी सूची में अपात्र लिखकर अग्रसारित किया गया है। ग्रामीण स्तर पर जनपंचायत आयोजित करके वंचितों की आवाज मुखर करने वाली राष्ट्रीय स्तरीय समाजसेवी संस्था जनसुनवाई फाउंडेशन के जनपद प्रभारी अधिवक्ता विवेक सिंह "रानू"का कहना है कि एक तरफ सरकार की मंशा है कि सभी गरीब परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छतदार घर उपलब्ध कराया जाय। वहीं ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारी निजी स्वार्थ के कारण शासनादेश को ताक पर रखकर मनमानी करते हैं। जिसका परिणाम यह है कि निचले पायदान पर खड़े ब्यक्ति को लाभ नहीं मिल पा रहा है।