प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज में वर्ष 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले के आयोजन को सफल बनाने के लिए परिवहन निगम ने भी कमर कस ली है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए परिवहन निगम ने महाकुंभ से पहले 2000 नई बसों को खरीदने की योजना बनाई है। योगी सरकार वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को 2019 में आयोजित हुए मेले से भी भव्य तरीके से आयोजित करने की तैयारी कर रही है। बता दें आज छह नई बसे प्रयागराज के रोडवेज बेड़े में शामिल हुई। आज से बसों का संचालन होगा। इससे पहले भी छह बस की पहली खेप मिल चुकी है। महाकुंभ के दौरान चलेंगी आठ हजार रोडवेज बसें। इसमें दो हजार नई बसें शामिल होंगी। दो हजार नई बसों में से 100 बसें स्थायी रूप से प्रयागराज को मिलेंगी। जबकि अन्य बसों का आवंटन यूपी के सभी 75 जिलों में आवश्यकतानुसार वितरित होंगी। मौजूदा समय में प्रयागराज में बसों की संख्या 566 हो गई है। इस समय महाकुंभ को लेकर परिवहन निगम अपनी तैयारी शुरू कर चुका है। यूपी के सभी 75 जिले से संगम नगरी में लगने वाले महाकुंभ के लिये बसे चलेंगी। इसके अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली,उत्तराखंड भी महाकुंभ के दौरान रोडवेज बस सुविधा से जुड़ेगा।
मेले के क्षेत्रफल में भी करीब 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। सरकार का अनुमान है कि आगामी महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 40 करोड़ के आसपास पहुंच सकती है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ही महाकुंभ से पहले नई बसों को खरीदने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार ही योजनाबद्ध तरीके से नई बसों को फ्लीट में शामिल किया जाएगा।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में बसों की खरीद को लेकर विभाग ने जो लक्ष्य तय किया है, उसके अनुसार मार्च 2023 तक 1575 बसें खरीदी जाएंगी। इनमें से 1200 बसें फ्लीट में शामिल हो जाएंगी। बाकी बसें अप्रैल-मई में फ्लीट में शामिल होंगी।
महाकुंभ पर 6800 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
प्रयागराज में वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के लिए सरकार ने 6800 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। कुंभ मेला 3700 हेक्टेयर क्षेत्र में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। 2019 के महाकुंभ मेले में जहां 4200 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।