बड़ा सच सामने आने पर लखनऊ तक अफसर हैरान
प्रयागराज (राजेश सिंह)। उमेश पाल हत्याकांड में प्रयुक्त क्रेटा कार के मालिक रुखसार अहमद उर्फ पिंटू को पुलिस ने पकड़ लिया है। जीटीबी नगर करेली में ट्रैवल एजेंसी चलाने वाला रुखसार घटना के बाद से परिवार समेत फरार हो गया था। पुलिस ने उसे बहराइच से पकड़ा।
सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में उसने बताया है कि कार ट्रैवल एजेंसी से बुक करके ली गई थी। पुलिस ने उसे साथ लेकर कई जगह दबिश भी दी है। ट्रैवल एजेंसी से दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
दरअसल उमेश हत्याकांड में प्रयुक्त क्रेटा कार शूटरों ने चकिया में अतीक के घर के पास खड़ी की थी। पुलिस ने कार अगले दिन लावारिस हालत में बरामद की तो उस पर नंबर नहीं था। इंजन और चेसिस नंबर से पता चला कि कार गुलाबबाड़ी के नफीस अहमद की है, जिसे साल भर पहले करेली के रुखसार अहमद को ट्रांसफर की गई थी।
पुलिस ने रुखसार के घर तुरंत दबिश दी, लेकिन वहां ताला लगा था। नफीस को बुलाकर उसे हिरासत में ले लिया गया। नफीस ने बताया कि कार उसी की थी, लेकिन साल भर पहले उसने अपने रिश्तेदार रुखसार अहमद को बेच दी थी। उसी समय कार उसके नाम पर ट्रांसफर भी कर दी थी। रुखसार कभी नफीस के साथ काम करता था। बाद में वह ट्रैवल एजेंसी चलाने लगा।
साल भर पहले नफीस ने क्रेटा कार बेचने की इच्छा जताई तो रुखसार ने वह गाड़ी खरीद ली थी। इसके बाद से कार रुखसार की ट्रैवल एजेंसी में लगी थी। कभी-कभी जरूरत पड़ने पर नफीस भी बेची गई क्रेटा कार को रुखसार से मंगाता था।
पुलिस ने रुखसार से पूछताछ की। रुखसार का यही कहना था कि कार किराये पर बुक करके ली गई थी। उसे जब घटना के बारे में पता चला तो वह डर के मारे भाग निकला था। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि शूटरों को कार दिलाने में नफीस की क्या भूमिका है।
क्या उसके माध्यम से कार शूटरों को दी गई थी या फिर सीधे ट्रैवल एजेंसी से कार बुक हुई थी। पुलिस रुखसार अहमद को लेकर उसकी ट्रैवल एजेंसी तथा अन्य कई स्थानों पर भी गई। कई दस्तावेज भी पुलिस ने जब्त किए हैं।
पुरुष है रुखसार, यह बात दबाए रही पुलिस
कार के इंजन और चेसिस नंबर से पुलिस जब कार मालिक के नाम तक पहुंची तो दस्तावेजों में रुखसार अहमद लिखा था। उसे महिला मानते ही लखनऊ तक अधिकारियों को यही बताया गया कि कार एक महिला के नाम पर है। लेकिन नफीस के पकड़े जाने के बाद यह साफ हो गया था कि रुखसार पुरुष है लेकिन पुलिस यह बात दबाकर बैठी रही।
माफिया अतीक के शूटर अब्दुल कवि के पिता का शस्त्र लाइसेंस होगा निरस्त
उधर, माफिया अतीक अहमद के शूटर अब्दुल कवि के पिता अब्दुल गनी के नाम से जारी बंदूक के लाइसेंस को निरस्त करने की कवायद शुरू हो गई है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अब्दुल कवि के घर पर पुलिस के छापे के दौरान उसके यहां से कई असलहे बरामद हुए थे, जिसमें कवि के पिता के नाम से जारी लाइसेंसी बंदूक भी थी। माफिया के गैंग को संरक्षण देने के मामले में पुलिस ने कवि के पिता के नाम से जारी शस्त्र लाइसेंस को निरस्त किए जाने की रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को भेजी है।
ओमप्रकाश पर कातिलाना हमले में बंदूक के प्रयोग का शक
राजू पाल हत्याकांड में चकपिन्हा गांव के ओम प्रकाश पाल भी गवाह हैं। उनकी गवाही सीबीआई कोर्ट में होनी बाकी है। सितंबर 2020 में ओम प्रकाश पर माफिया अतीक के शूटर अब्दुल कवि ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर किसी असलहे से फायर किया था। घटना में वह बाल-बाल बचे। एक अक्तूबर 2020 को ओम प्रकाश पाल ने अब्दुल कवि समेत तीन लोगों के खिलाफ कातिलाना हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई।
आरोप लगाया कि अब्दुल कवि उस पर राजू पाल हत्याकांड में गवाही नहीं देने का दबाव डाल रहा था। मना करने पर उसने गोली चलाई। पुलिस को शक है कि हमले में अब्दुल कवि ने अपने पिता की लाइसेंसी बंदूक का इस्तेमाल किया होगा। शस्त्र निरस्तीकरण की भेजी गई रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया गया है। हालांकि इस घटना में कोई गवाह नहीं मिलने के कारण पुलिस ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। अब फिर से विवेचना की जा रही है।
शूटर कवि पर 50 हजार का इनाम
पुलिस को शक है कि राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या में भी अब्दुल कवि का हाथ हो सकता है। इस पर आईजी चंद्रप्रकाश ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार का इनाम घोषित किया है। सीबीआई ने अब्दुल कवि को पहले ही भगोड़ा घोषित कर रखा है।