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उमेश पाल हत्याकांड की सीसीटीवी फुटेज की फोटो |
उमेश पाल पर पहली गोली उस्मान ने चलाई थी, आज सुबह पुलिस से हुई मुठभेड़
प्रयागराज एसओजी ने इसकी पुष्टि की है। उस्मान ही वो शख्स था, जिसने उमेश पाल पर पहली गोली चलाई थी। वह सीसीटीवी फुटेज में भी नजर आया था। पुलिस ने उस्मान पर 50 हजार का इनाम रखा था। विजय के बारे में कहा जाता था कि अतीक के बेटों ने उसको उस्मान नाम दिया था। वो अतीक गिरोह का शूटर था। प्रयागराज एसओजी और पुलिस को जानकारी मिली थी कि प्रयागराज के कौंधियारा के लालापुर में उस्मान छिपा था। दरअसल, वो लालापुर का ही रहने वाला था। यहां एसओजी की टीम ने घेराबंदी की।
उस्मान की तरफ से पहली गोली चलने के बाद पुलिस ने फायरिंग की। इसके बाद पुलिस की गोली उस्मान को लगती है। इस मुठभेड़ में किसी पुलिस वालों के घायल होने की सूचना नहीं है। इस हत्याकांड में पुलिस ने 27 फरवरी को भी एक बदमाश अरबाज को एनकाउंटर में मार गिराया था। दावा किया कि अरबाज शूटरों को कार से घटनास्थल पर ले गया था। फिर वारदात के बाद वापस चकिया लेकर आया था। 27 फरवरी को सुलेमसराय के नेहरू पार्क के पास अरबाज का एनकाउंटर किया गया था। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच जमकर बहस हुई।
सीएम योगी ने सदन में कहा, 'हम माफियाओं के खिलाफ हैं, उन्हें मिट्टी में मिला देंगे। हम किसी भी माफिया को नहीं छोड़ेंगे।' उन्होंने कहा कि सपा ने ही अतीक अहमद को प्रश्रय दिया है। अपराधी को सांसद बनाओ फिर तमाशा करो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा माफियाओं की पोषक है। राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद दोषी है, उसे सपा ने विधायक बनाकर प्रश्रय दिया। वहीं पुलिस व एसओजी की टीम ने सोमवार सुबह तड़के लालापुर मे छिपे उमेश पाल हत्याकांड मे शामिल उस्मान को एनकाउंटर मे ढेर कर दिया। जबकि कुछ दिन पहले एक आरोपी अरबाज को पुलिस व एसओजी ने एनकाउंटर में ढेर किया था।