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निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण तय करने संबंधी अध्यादेश को योगी कैबिनेट की मंजूरी

SV News

लखनऊ (राजेश सिंह)। नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों समेत सभी वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण तय करने के लिए सरकार अध्यादेशा लाएगी। प्रस्तावित अध्यादेश के मसौदे को कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सामान्य नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 में संशोधन करने से संबंधित अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी देते हुए उसे राज्यपाल को भेजने की सिफारिश की गई है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद आरक्षण की नई व्यवस्था लागू हो जाएगी और निकाय प्रमुखों के प्रस्तावित आरक्षण जारी कर दिए जाएंगे।
यह जानकारी देते हुए नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि सरकार ने तय किया है कि निकाय चुनाव में पिछड़ा समेत सभी वर्गों को नियमानुसार आरक्षण दिया जाए। इसी कड़ी में सरकार ने पांच दिसंबर को आरक्षण की अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन कुछ लोगों की आपत्तियों की वजह से मामला हाईकोर्ट चला गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 31 मार्च तक रिपोर्ट सौपने का निर्देश दिया था। आयोग ने इसके पहले नौ मार्च को ही अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को मान्य कर दिया है।
मंत्री ने बताया कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के मद्देनजर नगर पालिका परिषद और नगर निगम अधिनियम में संशोधन करने की जरूरत थी। इसके लिए कैबिनेट से अनुमति मांगी गई थी जो मिल गई है। इसे अब राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि इस संबंध में बृहस्पतिवार को जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन में अधिसूचना जारी करने से संबंधित प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसलिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
नगर विकास मंत्री ने कहा है कि अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण किया जाएगा। सीटों के आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसकी अनंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से संबंधित सवाल के जवाब में नगर विकास मंत्री ने कहा कि यह काम राज्य निर्वाचन आयोग का है। सरकार के स्तर पर होने वाले काम जल्द पूरा किए जाएंगे।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद अधिनियम में संशोधन संबंधी अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल की मंजूरी के लिए देर रात ही राजभवन भेज दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि चुनावी जरूरतों को देखते हुए राज्यपाल बृहस्पतिवार को इस अध्यादेश को मंजूरी दे सकती हैं। इसके बाद सरकारी प्रेस में छपने के बाद नगर पालिका परिषद और नगर निगम अधिनियम में संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके तुरंत बाद नगर निगम महापौर, पालिका परिषद अध्यक्ष और नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण की सूची जारी की जा सकती है।
बता दें कि निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण इस बार ट्रिपल टेस्ट के लिए बनी समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर दिया जाना है। लिहाजा आरक्षण देने की पुरानी व्यवस्था में बदलाव होना आवश्यक था। इसलिए ही अध्यादेश लाया जा रहा है। अध्यादेश लाकर समर्पित आयोग की सिफारिशों के आधार पर निकाय प्रमुखों का आरक्षण तय किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबकि बृहस्पतिवार को प्रस्तावित आरक्षण जारी हो सकता है। इसके बाद सात दिनों तक प्रस्तावित आरक्षण पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जाएगी जिसे राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपा जाएगा और चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने के साथ ही चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी।

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